Wednesday, June 21, 2017

जीने की राह: योग से प्रभावित होते हैं बुद्धि के सात स्तर

पं. विजयशंकर मेहता 
योग हमारे भीतर के प्रेम और अपनेपन को उजागर करता है। जीवन की ये बातें बड़ी गहरी और सामान्य व्यक्ति के लिए दूर की बात है। पर यदि जानना चाहें कि योग से होता क्या है? तो इसका सबसे बड़ा फायदा है योग करने
के बाद हमारी समझ उजागर हो जाती है। लालन-पालन, संस्कार, आसपास के वातावरण के कारण हमारी समझ पर एक परत जम जाती है। योग उस परत को हटा देता है और समझ परिपक्व हो जाती है। फिर इसी समझ से हम सांसारिक जीवन में बुद्धि का उपयोग कर सकते हैं। योग को बुद्धि से जोड़कर देखें तो बहुत फायदेमंद सौदा सामने आएगा। बुद्धि के सात स्तर होते हैं जिनको योग प्रभावित करता है। पहला होता है चेतना। इसमें आप कोई चीज सीखने के लिए अंतर्मन से तैयार होते हैं। दूसरा स्तर चेष्टा का होता है। यानी जो हम जानना चाहते हैं और जब उसका पता लगा तो समझ में आया या नहीं? तीसरा स्तर है स्वीकार करने की शक्ति और समझ का। बुद्धि के चौथे स्तर को धारणम कहा गया है। यानी जो सुना, समझा उसको कितना धारण किया? पांचवां स्तर है मूल्यांकन। जो भी आपने जाना और समझा वह सही है तो क्यों और गलत है तो क्यों गलत है? छठे स्तर को नाम दिया है अर्थ विज्ञानम। इसका सीधा सा मतलब है जो कुछ आपने जाना उसको जीवन में उपयोगी बनाया या नहीं? सातवां स्तर होगा तत्वज्ञान। इसका मतलब होता है जो जानकारी या ज्ञान आपको है, गहराई में भी उसको समझें और बाहर ऊंचाइयों में भी उसका प्रयोग करें। योग इन सात स्तर पर बुद्धि को प्रभावित करता है और बुद्धिमान लोग संसार में कोई भी काम करने उतरें, सफल तो होंगे ही, योग का प्रसाद शांति के रूप में भी जरूर मिलेगा। आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यह बड़ा संदेश है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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