Tuesday, June 20, 2017

दिल्ली में खुली ह्यूमन लाइब्रेरी: चलती-फिरती 11 किताबों से कहानियां सुनने के लिए पहुंच गए 1100 से अधिक पाठक

दिल्ली के कनाट प्लेस की एक बिल्डिंग का एक हाॅल। पुरानी चीजों को जमा करने के शौकीन आदित्य विज अपने पुराने टाइपराइटर, कैमरा, लैंडलाइन फोन, ग्रामोफोन रिकॉर्ड्स के बीच पालथी मारकर बैठे हैं। उन्हें घेरे 5-6 लोग उनसे कहानियां सुन रहे हैं। इसी हाॅल में तीन अन्य गोलमेज
हैं। इन पर रोवर, हिमालयन कंजर्वेशनिस्ट और ड्रग की लत से उबरने वाले तीन व्यक्ति अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। दूसरे कोने में पांच-छह लोगों से घिरे लक्ष्मण राव चाय की दुकान चलाने के साथ-साथ करीब एक दर्जन किताबें लिखने का अनुभव सुना रहे हैं। दरअसल, दिल्ली में रविवार को पहली ह्यूमन लाइब्रेरी खुली। इसमें आदित्य या लक्ष्मण जैसी 11 चलती-फिरती मानव किताबें थीं। यही किताबें (लोग) अपने अनुभव रोचक किस्से दूसरों से साझा कर रही थीं। सवालों के जवाब भी दे रही थीं। कुछ मानव किताबें बंद केबिन में और कुछ हॉल में अलग-अलग समूहों में किस्से सुना रहे थे। ह्यूमन लाइब्रेरी के आयोजक समूह के सदस्य निष्कर्ष कौशिक ने बताया, 'हमने लाइब्रेरी में आने के लिए फेसबुक से रजिस्ट्रेशन किया। उम्मीद थी कि 600-700 लोग आएंगे। पर गए 1100 से ज्यादा लोग। इस कारण हमें कई लोगों को लौटाना पड़ा।' लाइब्रेरी में आए हर रजिस्टर्ड पाठक के पास किसी एक किताब के साथ वक्त बिताने के लिए 20 मिनट थे। हर मानव किताब काे उसकी कहानी के हिसाब से एक नाम दिया गया था। राइटिंग्स ऑन ब्लैकबोर्ड नामक ऐसी ही एक किताब ने बताया कि वे किस तरह आठवीं कक्षा में पढ़ने के दौरान तीन बसें बदलकर गंधर्व विद्यालय संगीत सीखने जाते थे। 
दुनिया में पहली ह्यूमन लाइब्रेरी डेनमार्क में खुली थी। अभी 80 देशों में है। देश में पिछले साल आईआईएम, इंदौर में पहली ह्यूमन लाइब्रेरी खुली। फिर मुंबई, सूरत, हैदराबाद में। दिल्ली में पांचवीं ह्यूमन लाइब्रेरी खुली है। लाइब्रेरी में सेशन अटेंड करने के लिए फीस नहीं ली जाती। लेकिन इसे लगातार चलाने के लिए ह्यूमैन बुक्स का उपलब्ध होना जरूरी है। फिलहाल इसे महीने में एक बार फिर हफ्ते में एक बार करने की कोशिश है। जुलाई से दिल्ली के साथ गुड़गांव और अगस्त में नोएडा में भी ऐसी लाइब्रेरी खोलने की योजना है। 
ह्यूमन लाइब्रेरी की हर मानव किताब काे उसकी कहानी के हिसाब से नाम दिया गया था। जैसे ड्रग्स की लत से उबरने वाले व्यक्ति यानी मानव किताब का नाम 'अनदर हाई' था। चाय वाले लक्ष्मण राव का नाम टी लीव्स एंड बुक और आदित्य का नाम आर्टीफेक्ट हंटर था। इसी तरह कैंसर सर्वाइवर, रोवर, बी नॉट विक्टिम बट फाइटर जैसे मानव किताबें भी लाइब्रेरी में थी। सबसे कम उम्र के 22 वर्षीय मानव किताब थे राइटिंग्स ऑन ब्लैकबोर्ड। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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