Tuesday, May 23, 2017

ओबीसी की अधिसूचना रद्द होने के बाद परिणाम आया तो नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ - हाई कोर्ट

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जाट ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर नेट परीक्षा पास करने वालों, नौकरी व शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के इच्छुक उम्मीदवार को बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने विश्वविद्यालय अनुदान
आयोग (यूजीसी) की नेट परीक्षा पास करने वालों की एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यदि इन छात्रों का परिणा सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण की अधिसूचना रद करने से पहले आता तो ही वह ओबीसी का लाभ लेने के योग्य थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मगर यूजीसी ने नेट का परिणाम सुप्रीम कोर्ट के 17 मार्च 2015 के फैसले के बाद घोषित किया, ऐसे में उनको आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने जाट जाति को ओबीसी में शामिल किया था। इसके बाद कुछ उम्मीदवारों ने दिसम्बर 2014 की यूजीसी की नेट की परीक्षा दी और ओबीसी के आधार पर उसे पास भी कर लिया। बाद में यूजीसी ने मई 2016 को इन छात्रों को अयोग्य करार दे दिया। यूजीसी तर्क दिया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने जाट आरक्षण रद कर दिया है तो इनको ओबीसी का लाभ नहीं दिया जा सकता।
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साभार: जागरण समाचार 
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