Wednesday, May 17, 2017

जानिए कुलभूषण जाधव मामले में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में एक रुपए में भारत की ओर से पैरवी करने वाले वकील हरीश साल्वे के बारे में

भारत के सबसे महंगे वकीलों में शामिल हरीश साल्वे की अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव का पक्ष रखने के बाद खूब चर्चा हो रही है। जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में मौत की सजा हुई है और उन्हें बचाने के
लिए साल्वे सिर्फ एक रुपए फीस ले रहे हैं। 'लीगली इंडिया डॉट कॉम' के मुताबिक, 2015 में साल्वे एक सुनवाई के लिए 6 से 15 लाख रुपए लेते थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हरीश साल्वे 42 साल के अपने करियर में कई कॉरपोरेट घरानों का पक्ष कोर्ट में रख चुके हैं। पर वे बचपन में वकील नहीं, इंजीनियर बनना चाहते थे। कॉलेज तक आते-आते रुझान चार्टर्ड अकाउंटेसी (सीए) की ओर हो गया। सीए की परीक्षा में दो बार फेल हो गए तब कानून की पढ़ाई शुरू की। नागपुर में पले बढ़े साल्वे के दादा कामयाब क्रिमिनल लॉयर थे। पिता एनकेपी साल्वे चार्टर्ड अकाउंटेंट और कांग्रेस के बड़े नेता थे। इंदिरा, राजीव और नरसिम्हाराव सरकार में मंत्री रहे। मां अम्ब्रिती साल्वे डॉक्टर थीं। हरीश को पिता के संपर्कों का फायदा मिला। हरीश के मुताबिक, उनका करियर 1975 में फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार के केस के साथ शुरू हुआ। दिलीप पर काला धन रखने के आरोप लगे थे। मामला ट्रिब्यूनल और हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। साल्वे कहते हैं, 'आयकर विभाग की अपील खारिज करने में सुप्रीम कोर्ट के जजों को कुल महज 45 सेकंड लगे। मुझे कोर्ट में बहस करनी पड़ती तो मेरी आवाज नहीं फूटती। खुशकिस्मती से कोर्ट ने मुझसे जिरह के लिए नहीं कहा।' हरीश साल्वे को 1992 में दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से सीनियर एडवोकेट बना दिया गया। एनडीए सरकार के समय 1999 में उन्हें भारत का सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। उस वक्त उनकी उम्र 43 साल थी। 61 साल के साल्वे केरल में भारतीय मछुआरों की हत्या मामले में इटली के अभियुक्त इतालवी नौसैनिकों का पक्ष भी रख चुके हैं। जब वे वकालत नहीं करते हैं तो किताबें पढ़ते हैं। उन्हें पियानो बजाना भी पसंद है। 
हरीश साल्वे ने अंबानी, महिंद्रा और टाटा जैसे कॉरपोरेट घरानों की नुमाइंदगी की। केजी बेसिन गैस केस में अंबानी बंधुओं के बीच विवाद हुआ तो बड़े भाई मुकेश अंबानी का पक्ष हरीश ने ही रखा। इससे पहले उन्होंने भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड केस में के. महिंद्रा का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा। कोर्ट ने महिंद्रा को गैर-इरादतन हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया था। नीरा राडिया टेप मामले में रतन टाटा निजता के उल्लंघन का सवाल लेकर सुप्रीम कोर्ट गए। तब उनके वकील साल्वे ही थे। हिट एंड रन मामले में सलमान की पैरवी भी उन्होंने ही की थी। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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