Wednesday, May 17, 2017

कार्ति पर छापा, सीबीआई के लपेटे में पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम

आइएनएक्स कंपनी को कानूनी सीमा से अधिक विदेशी निवेश की अनुमति दिलाने के मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम सीबीआइ जांच के लपेटे में आ गए हैं। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) क्लीयरेंस के
लिए आइएनएक्स से पैसे के लिए भले ही छापा कार्ति चिदंबरम के ठिकानों पर पड़ा हो, पर अधिकारियों को मैनेज करने का आरोप तो सीधे पी. चिदंबरम पर ही जाता है। आइएनएक्स कंपनी पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी है, जो बेटी की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। आइएनएक्स कंपनी ही न्यूज एक्स चैनल चलाती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सीबीआइ एफआइआर के अनुसार, टीवी न्यूज कंपनी खोलने के लिए आइएनएक्स को 2007 में एफआइपीबी ने मात्र 4.62 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश लाने की अनुमति दी थी, लेकिन कंपनी पिछले दरवाजे से 305 करोड़ रुपये से अधिक का विदेशी निवेश ले लाई। इस मामले में फरवरी 2008 में ही कंपनी के खिलाफ आयकर विभाग और एफआइपीबी में शिकायत मिल गई थी और उसे नोटिस भी जारी कर दिया गया था। लेकिन नोटिस का जवाब देने की बजाए पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से संपर्क किया। कार्ति ने उन्हें से बचने के लिए अपनी कंपनी चेस मैनेजमेंट सर्विसेज को सलाहकार रखने को कहा। इस तरह चेस की सलाह पर 305 करोड़ का विदेशी निवेश को सही ठहरा दिया गया। 
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साभार: जागरण समाचार 
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