Wednesday, April 26, 2017

सीएम बोले-मुझे मालूम है कौन सा अफसर फाइल लेट करता है, ढाई साल बीते, कल से लगाऊंगा दूसरा गियर

विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की ओर से ब्यूरोक्रेसी को लेकर लगातार रही शिकायतों पर सीएम मनोहरलाल ने मंगलवार को सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए। बोले-'कल से दूसरा गियर लगाऊंगा। मुझे
मालूम है कौन सा अफसर फाइल लेट करता है। ढाई साल बीत गए। अब कल से देखना कैसे होते हैंबदलाव। अब समय अा गया है विकास कार्यों का झुनझुना, ढिंढोरा पीटना होगा। जनता की संतुष्टि जरूरी है। सरकार अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने में कहीं कहीं पीछे रह गई है।' यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सीएम करनाल में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दूसरे अंतिम दिन संबोधित करने पहुंचे थे। पिछले कुछ महीनों से सरकार में चल रही खींचतान का असर बैठक में दिखा। सीएम ने कहा, हमें मेरा घर, मेरा परिवार और मेरी पार्टी की सोच से ऊपर उठकर पूरे समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करना है। इसके लिए पार्टी की छोटी से छोटी ईकाई को भी साथ लेकर चलना होगा। 
पार्टी प्रभारी अनिल जैन ने कहा कि सत्ता के लोग कार्यकर्ताओं का और कार्यकर्ता सत्ता के लोगों का सम्मान करें। सत्ता में बैठे लोग पार्टी का चेहरा हैं, इसलिए जैसा कार्यकर्ता उनके लिए जैसा कहेंगे, विपक्ष भी बोलेगा। जैन ने कहा कि नजरें 47 नहीं बल्कि 90 सीटों पर रखनी है। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पलवल और कैथल में जोर ज्यादा लगाना है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने भी पदाधिकारियों को चेताया कि वे अभी से चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। क्योंकि थोड़ी सी ढिलाई से नुकसान हो सकता है। 
केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह बोले-मुख्यमंत्री अफसरों पर विश्वास करते हैं, अपने मंत्री-विधायकों पर क्यों नहीं? कैबिनेट मंत्रियों को फुल टाइम तबादलों के अधिकार मिलने चाहिए। ज्यादा पावर मिलने पर ही उनके पास ज्यादा कार्यकर्ता जाएंगे। मुख्यमंत्री को सिर्फ बड़े काम अपने हाथ में लेने चाहिए। बीरेंद्र ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिला स्तर पर जिला अधिकारियों को अस्थाई नौकरियां लगाने के जो अधिकार मिले हुए हैं, वह विधायकों अौर मंत्रियों को मिलने चाहिए। विधायकों के बिना सरकार नहीं है। हारे हुए पार्टी उम्मीदवारों को भी विकास के कामों में शामिल करना चाहिए। विधायकों को मुख्यमंत्री से कोई नाराजगी नहीं, अगर मैं भी विधायक होता तो मैं भी ऐसी ही बात रखता। विधायकों ने अपने ढाई साल का लेखा जोखा तैयार किया है, कहीं काम नहीं हुए तो यह उनका दर्द है। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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