Friday, March 17, 2017

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर का इनोवेशन: वैज्ञानिकों ने बनाई पॉकेट साइज डिवाॅइस, घर बैठे देख पाएंगे ईसीजी, मोबाइल से ही डॉक्टर को भेज सकेंगे रिपोर्ट

डायबिटीज और ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए छोटे गेजेट्स मौजूद हैं, पर जल्द ही घर पर ही ईसीजी भी देखा जा सकेगा। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों ने क्रेडिट कार्ड के आकार की ईसीजी मशीन बनाने में सफलता
हासिल कर ली है। इस इनोवेशन को इसलिए खास माना जा रहा है, क्योंकि देश में हर 30 सेकंड में हार्ट अटैक से एक मौत होती है। शहरों में तो सीने में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, घबराहट होने पर तत्काल डॉक्टर के पास पहुंच सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पर ज्यादातर गांवों में ईसीजी देखने की सुविधा होने से सही समय पर हार्ट अटैक का पता नहीं चल पाता है। इससे और ज्यादा मौतें होती हैं। दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया में सबसे छोटी ईसीजी डिवाॅइस है। 12 चैनल वाली इस टेली ईसीजी मशीन की कीमत महज 4 हजार रुपए है। इसकी रिपोर्ट दूर बैठे डॉक्टर को स्मार्टफोन पर भेजी जा सकती है। डॉक्टर्स के मुताबिक इस मशीन की रिपोर्ट की क्वालिटी अच्छी है। रिपोर्ट को मोबाइल पर बड़े आकार में करके भी देखा जा सकता है। इस रिपोर्ट को मोबाइल में ही सेव कर सकते हंै, ताकि डॉक्टर, मरीज की हालत के हिसाब से रिपोर्ट का मिलान कर सकें। 
डिवाॅइस को मोबाइल चार्जर से चार्ज कर सकते हैं। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर की साइंटिस्ट विनीता सिन्हा ने बताया 'इस डिवाॅइस की एक बार चार्जिंग से 300 मरीजों का ईसीजी कर सकते हंै। यह गांवों में कारगर साबित हो सकती है। जैसे गांव में कैंप लगाकर 300 लोगों की ईसीजी रिपोर्ट शहर के डॉक्टर को भेज सकते हंै। यह मशीन एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर चलती है, जिसे किसी भी स्मार्टफोन से कनेक्ट कर इस्तेमाल किया जा सकता है।' 
एक बूंद खून से 15 मिनट में पता चल सकेगा ब्रेस्ट कैंसर: जल्द ही ऐसी पोर्टेबल डिवाॅइस लाॅन्च होगी जो ब्लड की एक बूंद को टेस्ट कर 15 मिनट में बता देगी कि ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं। इस प्री स्क्रीनिंग टेस्ट का नाम 'मेमोएलर्ट' है। विदेश में सफल टेस्टिंग के बाद देश के हॉस्पिटल और कैंसर इंस्टिट्यूट्स में इसकी टेस्टिंग होगी। जुलाई में यह बाजार में उपलब्ध होगी। वहीं गुरुवार को ही दुनिया के पहले एप 'एबीसी ऑफ ब्रेस्ट हेल्थ' की लाॅन्चिंग अमिताभ बच्चन ने की है। ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस के लिए बनाया गया यह एप देश की 12 भाषाओं में उपलब्ध है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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