Friday, January 13, 2017

बैंकिंग सेक्टर, म्यूच्यूअल फंड्स और इंश्योरेंस सेक्टर में ग्रोथ से इस साल 2.5 लाख नौकरियां मिलने की उम्मीद

केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की बैंकिंग एंड फाइनेंशियल इंडस्ट्री 2020 तक दुनिया की पांचवीं और 2025 तक तीसरी सबसे बड़ी बैंकिंग इंडस्ट्री होगी। देश में वर्तमान में 26 पब्लिक सेक्टर बैंक, 25 प्राइवेट सेक्टर बैंक, 43 फॉरेन बैंक, 56 रीजनल रूरल बैंक, 1589 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और 93 हजार 550 रूरल को-ऑपरेटिव बैंक है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। देश में बैंकिंग इंडस्ट्री में पब्लिक बैंक की लगभग 80 फीसदी हिस्सेदारी है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया के
मुताबिक देश की म्युचुअल फंड इंडस्ट्री करीब 210 अरब डॉलर की हो गई है। विकास की इन संभावनओं से इंडस्ट्री में रोजगार के नए अवसर बनेंगे। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 तक देश की बैंकिंग एंड फाइनेंशियल इंडस्ट्री में 2 लाख 45 हजार नई नौकरियां पैदा होंगी। 
देश के विभिन्न बैंकों में डिपॉजिट 2011 से 2015 के दौरान 6 फीसदी की सालाना दर से बढ़ा है। इस दौरान देश में एटीएम की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। 2012 में देश में प्रत्येक 10 लाख लोगों में 105 एटीएम थे, जो 2017 में प्रत्येक 10 लाख में 300 हो गए। वहीं देश की म्युचुअल फंड इंडस्ट्री 2007 से 2016 के दौरान 12.8 फीसदी की सालाना दर से बढ़ी है। देश का लाइफ इंश्योरेंस मार्केट 2002 से 2016 के दौरान 13.10 फीसदी की सालाना दर से बढ़ा है। बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विस कॅरिअर में बैंकिंग और पैसों से जुड़ी मैनेजमेंट सर्विस जैसे सेविंग, इंवेस्टिंग और रिटायरमेंट प्लान आदि इसमें शामिल हैं। इस क्षेत्र मेंं कस्टमर सर्विस बैंकिंग से लेकर सेल्स पोज़िशन, फाइनेंशियल एडवाइजर और एनालिस्ट पोज़िशन तक कॅरिअर की संभावनाएं हैं। 
पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग सेक्टर में मनी सप्लाई: इस क्षेत्र में अधिकतर जॉब के लिए बिज़नेस और फाइनेंस से संबंधित बैचलर डिग्री या डिप्लोमा आवश्यक होता है। बैचलर ऑफ कॉमर्स, बैचलर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, एमबीए फाइनेंस जैसे कोर्स करने वाले छात्र इस क्षेत्र में कॅरिअर बना सकते हैं। देश के कुछ प्रमुख शिक्षण संस्थान बैंकिंग और फाइनेंस का डिप्लोमा भी कराते हैं। बैंकिंग से जुड़ी सरकारी नौकरियों के लिए आईबीपीएस और अन्य परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन कर चुके छात्र इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
फाइनेंशियल एजेंसी, बैंकों में मौके: छात्र कॉमर्शियल बैंक, मोर्टगेज कंपनियों, सेविंग लोन एस्टेबलिस्टमेंट एंड क्रेडिट एसोसिएशन, सरकारी एजेंसियों और कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। फाइनेंशिल कंपनियों मंे फ्रेशर बतौर फाइनेंशियल मैनेजर भी काम कर सकते हैं। इसके अलावा अकाउंट सर्विस, बैंक एंड लोन सर्विस ऑर्गनाइजेशन में काम कर सकते हैं। इसके साथ ही इंश्योरेंस कंपनियों, म्युचुअल फंड आॅर्गनाइजेशन और पेंशन सिक्योरिटी फर्म में जॉब कर सकते हैं।
15 से 50 हजार रुपए तक मासिक पैकेज: इस क्षेत्र में फ्रेशर को संस्थान के अनुसार अलग-अलग सैलरी पैकेज मिलने की संभावना होती है। बैंकिंग एग्जीक्यूटिव पदों पर फ्रेशर को 15 से 20 हजार रुपए मासिक पैकेज मिल सकता है। ऊंची डिग्री वालों को फाइनेंशियल कंपनियों में औसत मासिक पैकेज 20 से 25 हजार रुपए मिलने की संभावना होती है। हालांकि कुछ संस्थानों में पैकेज 50 हजार रुपए प्रति माह भी हो सकता है। सरकारी बैंकों में क्लर्क और ऑफिसर ग्रेड के अलग पे-स्केल होते हैं। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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