Wednesday, December 7, 2016

पैकेज के मामले में कई स्ट्रीम से बेहतर न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग

न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की एक ब्रांच है, जिसमें न्यूक्लिअर रिएक्टर का डिजाइन, कंस्ट्रक्शन और ऑपरेशन का अध्ययन शामिल है। न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग, नाभिकीय ऊर्जा के निकलने, नियंत्रित करने, उपयोग करने की प्रक्रिया होती है। इसके अलावा इसमें रेडिएशन का उपयोग और रेडियोएक्टिव मटीरियल
बनाना भी शामिल है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग में छात्रों को रेडियोएक्टिव मटीरियल और रेडिएशन को विभिन्न क्षेत्रों जैसे पावर, मेडिसिन और मैन्युफैक्चरिंग में कैसे उपयोग करना है, बताया जाता है। भारत में वर्तमान में 20 न्यूक्लिअर रिएक्टर हैं और इनमें 5.78 गीगावाॅट ऊर्जा का उत्पादन होता है। 2020 तक इसके 45 गीगावॉट होने की संभावना है। पिछली तीन पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान भारत में न्यूक्लिअर एनर्जी का उत्पादन 4.5 फीसदी की सालाना दर से बढ़ रहा है और 2016 से 2020 के बीच इसके 36 फीसदी की सालाना दर से बढ़ने की संभावना है। भारत में न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग करने वाले प्रोफेशनल्स की संख्या ज्यादा नहीं है। न्यूक्लिअर इंजीनियर का काम इंडस्ट्री के अनुसार कई बार अलग हो सकता है। इसमें अधिकांश काम ऑफिस से जुड़ा होता है, लेकिन कुछ का काम पावर प्लांट से जुड़ा हो सकता है। न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग करने वाले छात्र एटॉमिक एनर्जी, डिफेंस सेक्टर, न्यूक्लिअर मेडिसिन और रिसर्च के क्षेत्र मे जॉब कर सकते हैं। न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग प्रोफेशनल लैबोरेटरी, न्यूक्लिअर प्लांट, शिक्षण संस्थानों और सरकारी एजेंसियों में नौकरी कर सकते हैं। 
एलिजिबिलिटीकम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स से 12वीं करने के बाद न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग के बैचलर डिग्री कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बेहतर कॅरिअर के लिए छात्र न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग के एमटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। एमटेक कोर्स में प्रवेश के लिए गेट स्कोर जरूरी होता है। मैथ्स या फिजिक्स में एमएससी करने वाले छात्र भी न्यूक्लिअर इंजीनियरिंग के एमटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। आगे की पढ़ाई के लिए छात्र पीएचडी कोर्स में भी दाखिला ले सकते हैं। कुछ संस्थानों में इसके सर्टिफिकेट कोर्स भी मौजूद हैं। 
कमाई: न्यूक्लिअर एनर्जी में ट्रेंड प्रोफेशनल की कमी होने के कारण सैलरी पैकेज अन्य स्ट्रीम से ज्यादा होता है। इस क्षेत्र में कॅरिअर की शुरुआत करने वाले प्रोफेशनल को 25 से 30 हजार रुपए प्रति माह सैलरी पैकेज मिल सकता है। मास्टर डिग्री और कुछ वर्ष के अनुभव के बाद सैलरी पैकेज 1 लाख रुपए प्रति माह तक हो सकता है। 
प्रमुख संस्थान: 
  • भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, मुंबई www.barc.gov.in/
  • आईआईटी, बॉम्बे www.iitb.ac.in/
  • पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी www.pdpu.ac.in/
  • एसआरएम, चेन्नई www.srmuniv.ac.in/ 

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साभार: भास्कर समाचार 
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