Monday, December 26, 2016

फेल न करने की नीति के दुष्परिणाम; 5 फीसदी बच्चे पेपर ही नहीं देते

8वीं तक की परीक्षाओं के दौरान गैरहाजिर रहने के मामले में मेवात जिले के छात्र सबसे आगे हैं। यहां के करीब 17 फीसदी विद्यार्थी परीक्षा में शामिल ही नहीं होते। वहीं, यमुनानगर के 2 फीसदी छात्र परीक्षा नहीं देते। एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) की मार्च और सितंबर 2016 की परीक्षाओं पर
सर्वे रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं तक की कक्षाओं में करीब 18 लाख 62 हजार 33 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें औसतन 17 लाख 61 हजार 41 छात्र एग्जाम देने पहुंचे। यह कुल छात्रों का 95 फीसदी है। मेवात के 17 फीसदी छात्र एग्जाम के देने स्कूल नहीं जाते। यहां 158786 छात्र हैं। दूसरे नंबर पर पलवल के छात्र हैं। यहां 91848 छात्र हैं, जिसमें से 8 फीसदी छात्र एग्जाम देने नहीं जाते। फरीदाबाद के 87083 छात्रों में से 8 फीसदी छात्र एग्जाम देने नहीं जाते, यह तीसरे नंबर पर है। गुड़गांव के छात्रों ने इस मामले में चौथा स्थान पाया। यहां 99369 छात्र हैं, जिनमें से 6% छात्र एग्जाम से नदारद रहे। सिरसा के 124651 छात्रों में से 5% पानीपत के 77070 में से 5%, फतेहाबाद के 90480 में से 5% छात्र एग्जाम नहीं देते। सोनीपत के 91091 तथा अम्बाला के 70340 छात्रों में से 97 फीसदी छात्र एग्जाम में अपीयर होते हैं। सबसे अधिक यमुनानगर के 81330 छात्रों में से सर्वाधिक 98 फीसदी छात्रों ने एग्जाम दिए। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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