Monday, December 5, 2016

250 रुपए प्रति टन बिकेंगे पुराने नोट, बनेगा प्लाईवुड

नोटबंदी के बाद रद्दी हो चुके 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के अंजाम को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। सूत्रों से पता चला है कि इन पुराने नोटों का इस्तेमाल प्लाईवुड बनाने में किया जाएगा। आरबीआई ने केरल की एक कंपनी से करार किया और 250 रुपये टन के हिसाब से पुराने नोट इसे बेचे जा रहे
हैं। कन्नूर जिले के वालापट्नम में वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड नामक इस कंपनी को इसके लिए कई टेस्ट देने पड़े।यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 71 साल से प्लाईवुड बना रही कंपनी के एमडी मयान मोहम्मद ने बताया कि नोटों को कंपनी की फैक्ट्री तक बेहद गोपनीय तरीके से पहुंचाया जा रहा है। कंपनी मूल तौर पर स्‍पोर्ट्स गुड्स बनाने का काम करती है। 1945 में बनी इस कंपनी में लगभग 1200 वर्कर काम करते हैं। हार्डबोर्ड और प्रीफिनिश्‍ड बोर्ड बनाने के मामले में आईएसओ-9002 सर्टिफिकेट पाने वाली यह पहली कंपनी है। 
मोहम्मद ने बताया कि इन नोटों को कंपनी की फैक्‍ट्री तक बेहद सीक्रेट तरीके से लाया जा रहा है। हालांकि उन्होंने नोटों की डिलेवरी की पुरी जानकारी नहीं मुहैया कराई है। कंपनी को अब तक 60 से 70 टन पुराने नोट मिल चुके हैं। कंपनी सप्ताहभर में एक से दो ट्रक पुराने नोट ले रही है। एक ट्रक में करीब 18 टन नोट आते हैं। 
मोहम्मद के मुताबिक, पुराने नोटों की लुग्‍दी बनाई जाएगी। यह काम थर्मो मेकैनिकल पल्पिंग के जरिए किया जाएगा। 7 फीसदी नोट ही लुग्‍दी बन पाएंगे। बाकी लकड़ी के टुकड़ों में बदल जाएंगे। कई चक्र में प्रोसेसिंग के बाद इससे हार्डबोर्ड और ईंधन तैयार होगा। सूखी हुई लुग्दी को बोर्ड में बदलने के लिए वेट मशीन का भी इस्तेमाल किया जाता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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