Monday, November 28, 2016

पंजाब की सबसे सुरक्षित नाभा जेल से दो आतंकी छुड़ाए गैंगस्टरों ने, जेल स्टाफ ताकता रह गया मुंह

पंजाब के नाभा की हाई सिक्योरिटी जेल में रविवार सुबह 8:30 बजे पुलिस की वर्दी में आए 12 बदमाशों ने हमला कर दो खालिस्तानी आतंकियों और चार गैंगस्टर छुड़ा लिए। पांच गाड़ियों में आए हमलावरों ने 100 राउंड से ज्यादा फायर किए। जेल कर्मियों ने रोकने की कोशिश तक नहीं की। गार्ड्स ने सिर्फ एक गोली चलाई। घटना में कोई जख्मी तक नहीं हुआ। महज 13 मिनट में वारदात को अंजाम दिया गया। हमलावरों में छह
पुलिस की वर्दी में थे। फॉरच्यूनर सहित इनकी सभी गाड़ियों में भारी संख्या में हथियार थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यहां से भागे हमलावरों की गाड़ियां जब जेल से डेढ़ किलोमीटर दूर पहुंची तो रेलवे फाटक बंद मिला। इसके बाद यूटर्न लेकर वह फिर जेल के सामने से हरियाणा की ओर निकले। 
इसके बाद पंजाब हरियाणा में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया। इसी बीच अपराधियों की हरियाणा में कैथल के पास घेराबंदी कर ली गई। यहां क्योड़क नाके के पास 4 पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। पुलिसकर्मियों ने जब उनका पीछा किया तो कैथल के सोलूमाजरा के पास वेरना गाड़ी छोड़कार फरार हो गए। उस गाड़ी से जेल ब्रेक में इस्तेमाल की गई तीन पुलिस की वर्दी, तीन टोपी और बेल्ट आदि बरामद हुई हैं। इन बदमाशों के कैथल के आसपास जिलों में छिपे होने की आशंका है। वहीं, देर शाम इन अपराधियोें को जेल से भगाने वाला मास्टरमाइंड परमिंदर सिंह पानीपत-खटीमा रोड पर कैराना सेे गिरफ्तार कर लिया गया। कैथल में देर रात आईजी रेंज करनाल की मीटिंग हुई और सर्च अभियान शुरू किया गया। 
जेल के अंदर फायरिंग की आवाज सुनकर सामने काॅलोनी के लोग घरों से बाहर गए, जिन्होंने बदमाशों को भागते हुए देखा। प्रत्यक्षदर्शी रणइंद्र सिंह ने कहा- जेल से फायरिंग करके बाहर निकले लोगों के पास सरकारी जैसे ही हथियार थे। एक आरोपी की मैगजीन खत्म हुई तो उसने डिग्गी से दूसरी लोडेड गन निकाल ली। सभी हवाई फायरिंग कर रहे थे। इतने में जेल के अंदर बने गुरुद्वारे से माथा टेककर एक बच्चा बाहर की तरफ निकला। यह बच्चा उनके बीच से गुजरा। 
बठिंडा पुलिस द्वारा पकड़े गए गैंगस्टर के फोन से मिली जानकारी पर अगर ध्यान दिया जाता ो यह जेल ब्रेक नहीं होता। इसकी साजिश जेल में बंद विक्की गौंडर और नीटा िदयोल ने रची थी। जेल में बैठे गौंडर और नीटा अपने गुर्गों से वाॅट्सएप पर लगातार संपर्क में थे। 20 नवंबर को पकड़े गए गैंगस्टर के फोन से कुलप्रीत और नीटा के साथ वाॅट्सएप पर बात भी हुई थी। लेकिन पुलिस ने इसे नजरअंदाज कर दिया। 
हमलावरों ने 100 राउंड गोली चलाई। पर किसी को नहीं लगी। इस दौरान 30 मिनट तक किसी ने रोकने की कोशिश भी नहीं की। वॉच टावर पर एसएलआर लेकर गार्ड तैनात था। उसने हमलावरों पर फायर नहीं किया। सिर्फ छुपकर बैठा रहा। कैदियों को छुड़ाने के बाद गैंगस्टर कुछ मिनट गेट पर भी रुके। इस दौरान भी उन्हें पकड़ने को कोई प्रयास नहीं हुआ। डेढ़ किमी दूर रेलवे फाटक बंद मिला। इस पर हमलावर यू टर्न लेकर वापस जेल के सामने से ही निकले। तब भी गार्ड्स ने रोकने की कोशिश नहीं की। फायरिंग के दौरान जेल में मची अफरातफरी में बाकी कैदियों ने भागने का प्रयास क्यों नहीं किया? जेल के सीसीटीवी कैमरे बंद मिले हैं। बाजार में लगे सरकारी सीसीटीवी कैमरे भी चार दिन से खराब बताए गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इसमें जेल प्रशासन भी तो नहीं मिला हुआ था। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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