Tuesday, November 15, 2016

हरियाणा में पूर्व सैनिकों के लिए अलग निदेशालय बना सकती है सरकार

राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश में उनके लिए अलग निदेशालय बनाए जाने की घोषणा कर सकती है। इससे पूर्व सैनिकों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस फैसले पर मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की मीटिंग में मुहर लगने
की संभावना है। इसके साथ ही मीटिंग में प्रदेश के डाक्टरों की रिटायरमेंट एज बढ़ाकर 65 साल करने और पुलिस एक्ट के तहत नए रूल्स को भी मंजूरी मिल सकती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार एसवाईएल नहर मामले में हाल ही हरियाणा के पक्ष में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा करने के साथ ही उसे जल्दी लागू करवाने की रणनीति पर विचार किया जा सकता है। राज्य सरकार की कोशिश होगी कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से आग्रह करके सुप्रीम कोर्ट की राय के मुताबिक पंजाब विधानसभा की ओर से 2004 में पारित किए गए वाटर एग्रीमेंट टर्मिनेशन एक्ट को रद्द करने के साथ ही हरियाणा के पक्ष में 2002 में पारित डिग्री को लागू करवाएं। जिससे हरियाणा को उससे हिस्से का पानी जल्दी मिल सके। 
इस मीटिंग में हाल ही कालाधन और करप्शन रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए 'नोट बंदी' मामले पर भी चर्चा होगी। इसके तहत भाजपा कार्यकर्ताओं से आग्रह किया जा सकता है कि वे आगे बढ़कर लोगों की मदद करने के साथ ही उन्हें हड़बड़ी में पैसा निकालने के लिए समझाएं। बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांग की उनके फार्म भरवाने, छाया-पानी और बैठने का इंतजाम करने में लोगों की मदद करें। 
हरियाणा में एसवाईएल नहर के साथ-साथ अब 'शहीदों' पर भी सियासत शुरू हो गई है। केंद्रीय राज्यमंत्री एवं गुड़गांव सांसद राव इंद्रजीत की ओर से हुडा मैदान में बुधवार 16 सितंबर को राज्य स्तरीय शहीदी दिवस मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी शामिल होने वाले हैं। 
उम्मीद की जा रही है कि इस रैली में सीएम खट्टर पूर्व सैनिकों के लिए अलग निदेशालय बनाए जाने की घोषणा कर सकते हैं। शहीदी दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम सामान्यत: 23 सितंबर को होता है, लेकिन इस बार काली कट (केरल) में भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति की मीटिंग होने के कारण शहीदी दिवस नहीं मनाया जा सका था। इस आयोजन के लिए रेवाड़ी का चुनाव इसलिए किया गया है, क्योंकि अहीर वाल क्षेत्र सैनिक देने में सबसे आगे है। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के साथ ही नरेंद्र मोदी ने भी यहीं रैली की थी। इधर, कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने भी 18 नवंबर को ही पूर्व सैनिकों की रैली रख रखी है। इस बीच, हाल ही भिवानी जिले में बामला गांव निवासी पूर्व सैनिक रामकिशन फौजी के आत्महत्या मामले को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पहले ही मुद्दा बनाया हुआ है। इन रैलियों में वन रेंक वन पेंशन, सर्जिकल स्ट्राइक समेत पूर्व सैनिकों से जुड़े तमाम मुद्दे उठाए जाएंगे। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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