Wednesday, November 30, 2016

रेगुलर टीचर भर्ती अधर में छोड़कर रिटायर्ड अध्यापकों से बच्चे पढ़वाने की तैयारी में सरकार

रेगुलर टीचर भर्ती करने की बजाय सरकार रिटायर्ड शिक्षकों को दोबारा रखने जा रही है। सरकार के इस निर्णय से टीचर पात्रता परीक्षा पास कर चुके सवा दो लाख उम्मीदवारों की नौकरी की उम्मीद फिलहाल धूमिल पड़ती नजर रही है। 2014 में चयनित 12731 जेबीटी टीचर्स के भी जल्दी जॉइनिंग की संभावना भी अब कम होती
नजर रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दो साल से यह टीचर अपनी ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से पात्र परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवार खासे आहत हैं। उनका कहना है कि होना तो यह चाहिए कि सरकार रेगुलर शिक्षक भर्ती करे। लेकिन हो इसके उलट रहा है। पात्र अध्यापक दिनेश कुमार मनोहर लाल ने बताया कि इससे तो साफ है कि अध्यापकों की भर्ती के लिए सरकार अभी कोई योजना ही नहीं है। क्योंकि यदि आज आवेदन मांगे जाते हैं तो तब भर्ती में कम से कम एक साल लगेगा। ऐसा लग रहा है कि सरकार अब आगे भी अध्यापकों के आवेदन नहीं मांगेगी। नवचयनित जेबीटी संघर्ष समिति के सदस्य पवन ने बताया कि सरकार की मंशा ही नहीं है कि रेगुलर टीचर रखे जाए। हमारा तो चयन भी हो चुका, इसके बाद भी सरकार उन्हें काम देने की बजाय रिटायर्ड टीचर को रख रही है। कुल एक लाख 20 हजार पोस्ट में से करीब 30 फीसदी पोस्ट खाली रहती है। सत्र के बीच में टीचर रिटायर होने पर पढ़ाई प्रभावित हो, इसलिए व्यवस्था की जा रही है। 
सरकार का निर्णय, हर जिले में बने रिटायर्ड टीचर का पैनल: इधर,सरकार ने निर्णय लिया है कि रिटायर्ड टीचर का पैनल बनाया जाए। इस पैनल में ऐसे टीचर को रखा जाए जिनका पढ़ाने का रिकार्ड काफी अच्छा रहा हो। साथ ही वे दोबारा से पढ़ाने के इच्छुक भी हों। इनको जब भी किसी स्कूल में खाली जगह होती है तो वहां रखा जाए। शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो, इसके लिए यह निर्णय लिया गया है। 
रेगुलर टीचरों की भर्ती में लगता है काफी समय: रेगुलर भर्ती में काफी समय लग रहा है। परीक्षा लेना और इसके बाद इंटरव्यू आदि में काफी समय लग सकता है। इसलिए सरकार विकल्प के तौर पर यह व्यवस्था करने जा रही है। शिक्षा विभाग के यह भी प्रस्ताव सरकार को भेजा गया कि परीक्षा की बजाय टीचर पात्रता परीक्षा के अंकों के आधार पर इंटरव्यू लेकर भर्ती कर ली जाए। इससे कम समय में भर्ती हो सकती है। इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय सरकार ने ही लेना है। 
इन उम्मीदवारों को हैं भर्ती का इंतजार: टीजीटी यानी से छटी से आठवीं के हरियाणा पात्रता परीक्षा पास किए हुए सवा लाख के करीब उम्मीदवार हैं, जो भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। पीजीटी यानी नौ से बारहवीं में भी अलग-अलग विषय के करीब 70 हजार लोग हैं, जो एचटेट पास किए हुए हैं। 2011 में एचटेट पास किया हुआ संस्कृत के विषय का उनके लिए आज तक भर्ती नहीं निकाली और उनके एचटेट की वैधता दिसंबर 2016 में खत्म हो जाएगी। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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