Saturday, November 12, 2016

चार लाख छात्र घटने पर कोर्ट सख्त: सरप्लस गेस्टों को बचाने के लिए या फिर फण्ड हड़पने के लिए किए फर्जी दाखिले

सरकारी स्कूलों में दो सत्रों के बीच छात्रों की संख्या में 4 लाख के अंतर पर जवाब दे पाने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक आरएस खरब को तलब किया है। खरब ने कोर्ट में कहा कि रिटायर्ड सेशन जज आरएस भसीन से जांच करवाई गई। अगली सुनवाई पर कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी।
जवाब पर बेंच ने कहा कि आदेश वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से जांच करवाने के थे तो रिटायर्ड सेशन जज को जांच का जिम्मा क्यों सौंपा गया। मामले पर 18 नवंबर के लिए सुनवाई तय करते हुए स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हाईकोर्ट ने 3581 सरप्लस गेस्ट टीचर्स और हरियाणा सरकार की अपील पर सुनवाई आरंभ की थी। गेस्ट टीचर्स सरकार की अर्जी को खारिज करते हुए सरप्लस टीचर्स को हटाने के सिंगल बेंच के आदेशों को बरकरार रखा था। सौंपे गए आंकड़ों के अनुसार दो सत्रों के बीच सरकारी स्कूलों से 4 लाख छात्र कम हो गए थे। 2014-2015 के बीच हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 22 लाख छात्र थे जबकि 2015-16 के बीच 18 लाख रह गए। हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि वे जांच कमेटी बनाएं और जांच के परिणाम के बारे में हाईकोर्ट को सूचित करें। हाईकोर्ट ने पूछा था कि फर्जी दाखिले फंड का हड़पने के लिए थे या फिर सरप्लस गेस्ट टीचर्स को बचाने के लिए दिए गए। अधिकारी इस बात की जांच करें। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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