Friday, November 4, 2016

छेड़छाड़ के डर से पढाई छुड़वाने वाले परिजन झुके, छात्राओं की जिद पर लगवाई निजी गाड़ी

हरियाणा में रोडवेज बसों में स्कूल, कॉलेज जाने के लिए बेटियों को मिल रही मुफ्त यात्रा सुविधा को परिजन सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। बसों में आए दिन होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं से परेशान कुछ अभिभावकों ने तो 12वीं पास अपनी बेटियों की पढ़ाई तक बंद करवा दी। लेकिन बेटियों की ग्रेजुएट बनने की जिद के आगे हार
गए। आज वह सिर्फ स्नातक के लिए 22 किलोमीटर का सफर कर पढ़ने जा रही हैं बल्कि उनके लिए निजी गाड़ी भी लगवाई गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
मामला उचाना मंडी का है। यहां सिर्फ 12वीं तक ही स्कूल है। 12वीं पास छात्राओं को जींद शहर अथवा नरवाना के डिग्री कॉलेज में पढ़ने जाना पड़ता है। पिछली बार यहां से पास हुईं दस छात्राओं ने अपने परिजनों से स्नातक करने के लिए जींद जाने की बात कही। लेकिन अभिभावक बसों में आए दिन हो रही छेड़खानी की बात कहकर इस बात के लिए राजी नहीं हुए। उन्होंने बेटियों से 12वीं के बाद पढ़ाई बंद करने को कहा। कुछ दिन परेशान रहीं ये बेटियां अभिभावकों के फैसले के विरोध में उतर आईं। बेटियों ने कहा कि किसी भी हालत में वे स्नातक करना चाहती हैं। 
बेटियों की जिद के आगे परिजन झुके और बेटियों को जींद के राजकीय महाविद्यालय में छात्राआें का एडमिशन कराया। कुछ दिन छात्राएं बस आदि से स्कूल गईं, लेकिन बाद में अभिभावकों ने उनके लिए एक निजी गाड़ी लगवाई। 
20 फीसदी बेटियां अब भी नहीं ले पा रही उच्च शिक्षा: सशक्तनारी परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्षा दीपा आंतिल का कहना है कि आज भी प्रदेश में 20 प्रतिशत बेटियां बाहरवीं के बाद उच्च शिक्षा नहीं ले पा रहीं। इसका बड़ा कारण यही है कि पास में कालेज होने के कारण उन्हें बसों में सफर करना पड़ता है। ग्रामीण अभिभावक बेटियों को बसों में होने वाली परेशानी को देखते हुए कालेज में दाखिला नहीं दिलाते। 
अभिभावक विनोद जैन, सुरेंद्र, पवन, सुनील आदि ने का कहना है कि रोडवेज बसों में बेटियों के आने-जाने के लिए माहौल ठीक नहीं है। आए दिन छेड़छाड़ होती रहती है। बसों में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। मनचले छात्राओं से हरकतें करते हैं। इसलिए ऐसी फ्री यात्रा का कोई लाभ नहीं है। बेटियों की पढ़ाई की जिद के आगे हमें झुकना पड़ा लेकिन हमने मिलकर एक निजी गाड़ी का बंदोबस्त किया। जो 900 रुपए प्रतिदिन लेती है। 45 किमी. आना जाना। ड्राइवर सुबह नौ बजे छात्राओं को लेकर जाता है और तीन बजे लेकर आता है। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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