Friday, November 11, 2016

जाट आरक्षण मामले में इसी माह आ सकता है फैसला

हरियाणा प्रदेश में जाटों सहित 6 जातियों को दिए गए आरक्षण पर इसी माह फैसला आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वीरवार को मामले में याचिका दाखिल कर आरक्षण को चुनौती देने वाले वकील की गैर मौजूदगी के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। इसके बाद बेंच ने स्पष्ट किया कि हरियाणा सरकार और जाट नेताओं की ओर से दलीलें
पूरी हो चुकी हैं और अब केवल याची की दलीलें बाकी हैं। ऐसे में अगली सुनवाई पर इसको पूरा कर मामले का निपटारा करने का प्रयास किया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हरियाणा सरकार ने एक्ट के माध्यम से जाटों सहित 6 जातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया था। इसको चुनौती देते हुए मुरारी लाल गुप्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है। हरियाणा सरकार ने इन 6 जातियों को आरक्षण देने के लिए न तो कोई सर्वे करवाया और न ही सरकार के पास कोई आंकड़े हैं। ऐसी स्थिति में हरियाणा सरकार द्वारा दिया गया आरक्षण लाभ गलत है। हरियाणा सरकार ने केसी गुप्ता आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए आरक्षण दिया है जिसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। 
हाईकोर्ट ने याची की दलीलों को सुनने के बाद इन 6 जातियों को दिए गए आरक्षण लाभ पर रोक लगा दी थी। इसके बाद हरियाणा सरकार और जाट नेताओं ने अपनी दलीलें हाई कोर्ट के समक्ष रखी थी। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अब हाई कोर्ट ने संकेत दिया है कि इस मामले में अगली सुनवाई पर फैसला कर दिया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी।
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साभारजागरण समाचार 
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