Sunday, November 27, 2016

करियर: मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में सालाना 6 लाख नौकरियां

भारत और विश्वभर में मीडिया और टेलीकाॅम सबसे तेजी से बढ़ती इंडस्ट्री में से एक है। टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव से रोजमर्रा के जीवन में इसका महत्व बढ़ा है। शहरी क्षेत्रों के साथ देश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट का विस्तार इसके तेजी से बढ़ने का प्रमुख कारण है। मौजूदा दौर में इंटरनेट और मोबाइल आमजन के
जीवन का अभिन्न िहस्सा बन गए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। देशभर में इसके विस्तार से इस क्षेत्र में नौकरी की संभावनाएं बढ़ी हैं। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के टेलीकॉम सेक्टर में 2022 तक लगभग 86 लाख नौकरियां मिलेंगी। इसमें से करीब 38 लाख नौकरियां सिर्फ मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में हैं। देश में मोबाइल फोन और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल से टेलीकॉम सेक्टर में नौकरियां बढ़ रही हैं। अगले छह वर्षों में 86 लाख नए रोजगार इस सेक्टर में पैदा होने का अनुमान है। सालाना 6 लाख नौकरियां केवल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ही मिलेंगी। 
10% सालाना बढ़ रहा बाजार: अनुमान के मुताबिक 2017 के अंत तक भारत के मोबाइल सर्विस बाजार का कुल रेवेन्यू 37 अरब डॉलर का हो जाएगा और 2019 तक स्मार्टफोन की संख्या 18 करोड़ के करीब पहुंच जाएगी। वहीं भारत में टेलीकम्युनिकेशन सर्विस का बाजार सालाना 10.3 फीसदी की दर से बढ़कर लगभग 104 अरब डॉलर का हो जाएगा। मार्च 2016 तक के आंकड़े के मुताबिक 105.88 करोड़ मोबाइल यूजर्स के साथ भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम नेटवर्क है। वहीं 34.26 करोड़ इंटरनेट यूजर्स के साथ भारत का दुनिया में तीसरा स्थान है।
बढ़ रही प्रोफेशनल्स की मांग: तेजी से बढ़ते टेलीकॉम सेक्टर में ट्रेंड प्रोफेशनल की मांग बढ़ रही है। ऐसे में टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग छात्रों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें सभी तरह के नेटवर्क और जानकारियों का ट्रांसमिशन शामिल है। इसमें केबल, रेडियो, सैटेलाइट, टीवी, रडार और अन्य कम्युनिकेशन साधनों का उपयोग कर जानकारी का अादान-प्रदान किया जाता है। टेलीकॉम डिवाइस की डिजाइनिंग, ऑपरेशन और मैन्युफैक्चरिंग इसमें शामिल है। टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर का काम नेटवर्क मेंटेनेंस, क्वालिटी कंट्रोल और प्रोडक्ट बनाना होता है। 
12वीं के बाद बैचलर कोर्स में ले सकते हैं प्रवेश: मैथ्स, फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ 12वीं करने वाले छात्र इसके बैचलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बीई या बीटेक कोर्स में प्रवेश जेईई के स्कोर के आधार पर मिलता है। छात्र इसके डिप्लोमा या बीएससी कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। अधिकतर संस्थानों में प्रवेश एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर मिलता है। आगे की पढ़ाई के लिए छात्र एमई या एमटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। 
इंफॉर्मेशन क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों में नौकरी के ज्यादा अवसर: टेलीकॉम क्षेत्र में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के लिए कई संभावनाएं हैं। टेलीकॉम इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स टेलीफोन और मोबाइल इंडस्ट्री में बतौर इंजीनियर, टेस्ट इंजीनियर, एप्लीकेशन इंजीनियर और इंस्टॉलर जॉब कर सकते हैं। इसके अलावा केबल और सैटेलाइट नेटवर्क, नेटवर्क और ब्रॉडकॉस्टिंग सेक्टर, टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्राेवाइडर कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। 
प्राइवेट कंपनियों में ज्यादा सैलरी: टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर का सैलरी पैकेज इंडस्ट्री, अनुभव और शिक्षण के अनुसार भिन्न हो सकता है। इस क्षेत्र में सरकारी की तुलना में प्राइवेट कंपनियों में सैलरी ज्यादा होती है। इस क्षेत्र में फ्रेशर को 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह का सैलरी पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के बाद सैलरी पैकेज 35 से 40 हजार रुपए प्रति माह हो सकता है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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