Sunday, November 13, 2016

चार दिन में बिका 25 टन सोना, आम आदमी जरूरत की चीजों के इलावा नहीं कर रहा फ़ालतू खर्च

500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने की घोषणा के बाद से बाजारों से बैंकों तक और बैंक से घरों तक हलचल मची हुई है। शहरों में छोटे नोटों के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं। बीते चार दिनों से देश में अधिकांश लोगों के पास छोटे नोट और खुल्ले पैसे नहीं हैं, जिसके कारण उनकी खरीददारी प्रभावित हो रही है। यहां तक कि
वे रोजमर्रा की जरूरी चीजें भी नहीं खरीद पा रहे है। एटीएम से नोट निकलना शुरू हो गए हैं लेकिन दो हजार का नोट लेकर बाजार में निकलने वाले के हाथ निराशा ही लगती है क्योंकि कारोबारियों के पास खुल्ले पैसे नहीं होते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस वजह से ट्रेडर्स की बिक्री करीब 70 फीसदी तक घटी है। रिटेल स्टोर्स पर खानपान के सामान की बिक्री ही ज्यादा हो रही है। जबकि बड़े नोटों को जल्द से जल्द खर्च करने के कारण सोने की खरीद तेजी से बढ़ी है। 
बीते चार दिनों में ही 25 टन सोना खरीदे जाने का अनुमान है। लोग अपने 500 और 1000 रुपए के नोट लेकर दुकानदारों के पास जा रहे हैं, देश के विभिन्न शहरों में तय कीमत से अधिक पर सोना खरीदा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर इस दौरान सबसे कम बिक्री मोबाइल हैंडसेट की हो रही है, इसकी बिक्री 90 फीसदी तक गिर गई है, यही नहीं इसकी ऑनलाइन बिक्री भी तेजी से घट गई है। देश की कुछ टेलीकॉम कंपनियों ने छोटे नोटों की समस्या को देखते हुए बिल देने की अंतिम समय सीमा में भी बढ़ोत्तरी की है। लाेगों के हाथों में नगदी कम होने और वेतन भोगियों को पहले सप्ताह में ही वेतन मिलने के कारण घरों में 500-1000 के नोट अधिक हैं जिससे फिलहाल किल्लत बढ़ गई है।
वॉलेट और नॉन बैंकिंग ऑनलाइन पेमेंट 50% बढ़ानॉन बैंकिंग ऑनलाइन कंपनियों को फायदा हुआ है। इनके एप डाउनलोड की संख्या में दो गुना तक वृद्धि हुई है। जबकि नॉन बैंकिंग ऑनलाइन पेमेंट में 50% का इजाफा हुआ। पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और इट्ज कैश के एमडी नवीन सूर्या के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट काे सरकार भी बढ़ाना चाहती है। निश्चितरूप से 500 और 1000 रु.के नोट बंद करने का फायदा हमें मिला है। बीते चार दिनों में नॉन बैंकिंग पेमेंट कंपनियों के कारोबार में 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
7700 करोड़ से अधिक का सोना बिका: बीतेचार दिनों में देशभर में सोने की बिक्री औसत दिनों की अपेक्षा तीन गुना से ज्यादा हो रही है। कहीं-कहीं तो आठ गुना तक अधिक वृद्धि हुई है। देश के सबसे बड़े सोना कारोबारी राजेश एक्सपोर्टर्स के चेयरमैन राजेश मेहता ने बताया कि पिछले चार दिनों में 20 से 25 टन सोना लोगों ने खरीदा है। अगर 31 हजार रु. प्रति 10 ग्राम के हिसाब से भी देखें तो चार दिनों में 7,750 करोड़ रु.का सोना हो गया है। बिस्किट और सिक्कों की डिमांड अचानक से बढ़ी है। ज्वैलरी में भी बढ़ोतरी हुई है।
पेट्रोल-डीजल की 5% बढ़ गई है मांग: देशभर के पेट्रोल और डीजल पंपों पर भी 500 और 1000 के नोट लिए जा रहे हैं। आठ तारीख को पेट्रोल पंप पर लंबी-लंबी लाइन भी देखी गईं, फिर स्थिति सामान्य होती गई। इंडियन ऑयल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीते चार दिनों में हमारी बिक्री में पांच फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है। पेट्रोल टैंक में ही ऑयल दिया जा सकता है ड्रम या कैन में नहीं। इसलिए हमारी बिक्री रुटीन दिनों के अनुसार ही हो रही है। 
मोबाइल और ऑनलाइन शॉपिंग 90% घटीपैसा नहीं होने के कारण लोग मोबाइल और ऑनलाइन शॉपिंग से भी बच रहे हैं। इस संबंध में मोबाइल कंपनी माइक्रोमैक्स इंफोर्मेटिक्स कंपनी के फाउंडर और मेनेजिंग डायरेक्टर राजेश अग्रवाल ने कहा कि पिछले चार दिन से लोग खरीददारी के लिए खुद को तैयार नहीं कर पा रहे हैं। नगदी होने से मोबाइल की बिक्री 90 फीसदी तक कम हो गई है। जहां तक ऑनलाइन बिक्री की बात है तो देश में होने वाली ऑनलाइन बिक्री में 80 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी कैश ऑन डिलेवरी की है, ऐसे में ऑनलाइन बिक्री भी प्रभावित हुई है। 
रिटेल स्टोर्स में खानपान की चीजें बिक रही हैं: रिटेल स्टोर्स की बिक्री भी पैसा होने के कारण प्रभावित हो रही है हालांकि डेबिट-क्रेडिट कार्ड से पेमेंट हो रहे हैं। इस संबंध में बात करने पर फ्यूचर ग्रुप के प्रमुख किशोर बियानी ने बताया कि हमारे बिग बाजार में शुरुआती दो दिन बिक्री तेजी से घटी, शुक्रवार को िक्री 15% घटी थी, धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। अभी अन्य सेक्टर की तुलना में फूड आयटम्स की बिक्री सर्वाधिक हो रही है। 
ट्रेडर्स 70% घटी छोटी दुकानों पर बिक्रीछोटे कारोबारियों का कारोबार तेजी से प्रभावित हुआ है। खास तौर से किराना और एफएमसीजी सेक्टर का। कंफेडेरेशन ऑफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि खुल्ले पैसों की समस्या गई है। जो नोट मिल रहे हैं उनमें भी 2000 के बड़े नोट हैं। इस कारण लोग अपने घर और आसपास की दुकानों से सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। देशभर में छोटे कारोबारियों की करीब 70% बिक्री कम हो गई है। वहीं मॉल में भी कैश से पेमेंट करने में परेशानी है। 
20% कम बिक रहे हैं मकान: क्रेडाई के पूर्व प्रेसीडेंट सी. शेखर रेड्‌डी ने कहा कि सरकार के नियमों के मुताबिक 20 हजार रुपए से अधिक का नगद लेन-देन हो नहीं सकता है इसलिए बिक्री से अधिक घर निर्माण पर असर है, क्योंकि मजदूर आदि का पेमेंट नगद देना होता है। कुछ शहरों में मकानाें की बिक्री 20 फीसदी तक अवश्य गिरी है। लेकिन भविष्य में चूंकि ब्याज दरें कम होने की उम्मीद है इसलिए इस सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी। हालांकि कई विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि रियल एस्टेट में 50 फीसदी से अधिक मांग कम हुई है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.