Sunday, November 20, 2016

पाठकों के 10 प्रमुख सुझाव, जो करेंसी चेंज की दुविधा को दिक्कतें कर सकते हैं दूर

नोटबंदी से हो रही मौजूदा परेशानी को दूर करने के लिए पहली बार देश के आम लोगों ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं। भास्कर के आग्रह पर देशभर के 6 हजार से ज्यादा पाठकों ने हमें ईमेल और वाट्सएप मैसेज भेजकर बैंकों, एटीएम में हो रही परेशानी दूर करने के तरीके सुझाए। इनमें शादी वाले परिवारों को ढाई लाख, पांच लाख
और 10 लाख के स्लैब में कैश देने के सुझाव से लेकर ऑड-ईवन फॉर्मूले की तर्ज पर बैंक में महिलाओं-पुरुषों के लिए दिन तय करने तक की बातें हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अस्पताल जैसी इमरजेंसी सेवाओं की तर्ज पर बैंकों में भी 24 घंटे काम करने के सुझाव दिए गए हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने एक सही उद्देश्य के साथ कालेधन और नकली करंसी के खिलाफ नोट बंदी का फैसला लिया था। 
शादी के लिए 3 स्लैब में कैश मिले: पाठकों के सुझाव dainikbhaskar.com पर भी पढ़ सकते हैं, सरकार को देखना है कि इन पर अमल कितना संभव है। शादी वाले घरों के लिए 2.5 लाख, 5 लाख, 10 लाख के स्लैब बनाएं नासिककी विजया भाटिया का सुझाव है-घर में शादी वालों के लिए 2.5 लाख, 5 लाख 10 लाख रुपए के तीन स्लैब बना दिए जाने चाहिए। शादी का कार्ड दिखाकर पैसा निकालो और बाद में खर्च के सबूत इन्कम टैक्स विभाग में जमा कराओ। 
सार्वजानिक स्थानों पर खुलें काउंटर: बैंकों के बजाय कैश एक्सचेंज के लिए जगह-जगह काउंटर बनें इंदौर के संजीव शर्मा ने बैंकों में बढ़ती भीड़ का समाधान बताया। कहा-एक्सचेंज की सुविधा बैंकों में बंद कर देनी चाहिए। इसके बजाय सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों, सरकारी स्कूलों, पेट्रोल पंपों पर काउंटर बना दिए जाने चाहिए। बैंकों में सिर्फ कैश जमा करने की सुविधा रखी जानी चाहिए। 
बैंकों में सबके दिन तय हों: मोहित पाराशर का सुझाव है कि एक दिन महिलाएं बैंक से पैसे निकाल या जमा कर सकें, और अगले दिन पुरुष। या सोमवार को पुरुष, मंगलवार को महिला, बुधवार को छात्र और गुरुवार को बुजुर्ग। 
कॉलोनियों में मोबाइल एटीएम भेजो: अजमेर की शारदा शेठिया का कहना है कि कॉलोनियों में बैंकों को एटीएम वैन चलानी चाहिए। एटीएम में 100-500 के नोटों की उपलब्धता आसान बनानी चाहिए। इससे एटीएम पर भीड़ कम होगी। 
स्वाइप मशीन सब्सिडी पर मिले: राजेंद्र राज्यगुरु का सुझाव है कि बैंक सभी मौजूदा और नए अकाउंट होल्डर्स को 20 हजार और 50 हजार की लिमिट वाले क्रेडिट कार्ड जारी करे। मेडिकल स्टोर्स, छोटे दुकानदार, सब्जी वाले आदि को स्वाइप मशीन सब्सिडी पर मिले। कार्ड्स से खरीद-फरोख्त पर कुछ छूट दी जाए। 
महिलाओं-बुजुर्गों के लिए एटीएम पर समय फिक्स कर दिया जाए: अभिजीत भावसार का सुझाव है कि एटीएम से पैसे निकालने के लिए दिन में सुबह 8 से 12 बजे का समय बुजुर्गों और 12 से 3 बजे महिलाओं के लिए फिक्स हो। बाकी समय अन्य के लिए। निगरानी के लिए होमगार्ड्स की तैनाती कर दी जाए। 
कालाधन जमा करने की पॉलिसी बने: योगेश सुतार, बीकानेर का सुझाव है कि कालेधन को सफेद करने की एक पॉलिसी और लानी चाहिए। चाहे तो पेनल्टी बढ़ा दी जाए। इससे जो लोग डरकर नोट जला रहे हैं, या गंगा में फेंक रहे हैं, वो बंद होगा। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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