Monday, October 10, 2016

IGNOU ने शुरू किया 'एग्जाम न डिमांड': छात्र स्वयं तय करेंगे कि कब देनी है परीक्षा

इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) स्पेशल केस में ऑन डिमांड एग्जाम कराने की तैयारी है। इस संबंध में प्रदेश के रीजनल ऑफिस ने इग्नू के दिल्ली हेड ऑफिस एमएचआरडी को प्रस्ताव भेजकर दिशा निर्देश मांगे हैं। पांच साल पहले तक स्पेशल केस में इग्नू में ऑन डिमांड एग्जाम कराने की व्यवस्था थी, जिसे बंद कर
दिया गया था। इग्नू के सहायक निदेशक डा. राममूर्ति मीना के अनुसार लंबे समय से प्रदेश सहित देशभर के विद्यार्थियों की ओर से इस संबंध में मांग उठाई जा रही थी कि उन्हें स्पेशल केस में ऑन डिमांड एग्जाम देने की सुविधा दी जाए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। चूंकि इग्नू में ऐसी व्यवस्था पहले थी, ऐसे में दोबारा से ऑन डिमांड एग्जाम कराने के लिए परमिशन और दिशा निर्देश मांगे जा रहे हैं। हालांकि ये व्यवस्था स्पेशल केस में ही मान्य रहती है। इसके लिए परीक्षार्थियों को प्रति पेपर अतिरिक्त फीस चुकाने का प्रावधान रहता है। 
क्या होता है ऑन डिमांड एग्जाम: डिग्री डिप्लोमा के लिए इग्नू में पांच से सात साल के बीच पेपर उत्तीर्ण करने होते हैं। सप्लीमेंट्री आदि का प्रावधान नहीं रहता है। ऐसे में एक्सट्रा फीस चुकाकर अभ्यर्थी अपने लिए किसी भी तिथि पर परीक्षा आयोजित करा सकता है। हालांकि परीक्षा का केंद्र तय करना आदि प्रोसेस का क्षेत्राधिकार इग्नू के पास ही सुरक्षित रहता है। ये व्यवस्था पेपर ड्यू आदि केसों में विशेष परिस्थितियों में ही लागू रहती है। ऑन डिमांड एग्जाम की व्यवस्था इसलिए की गई थी ताकि परीक्षार्थी का समय बच सके और किसी भी पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित न्यूनतम अवधि में डिग्री पूरी कर सके। 

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साभार: भास्कर समाचार 
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