Saturday, October 1, 2016

मोदी ने शुरू किया 'स्वच्छाग्रह': केवल बजट भरोसे नहीं आदतें बदलने से होगा बदलाव

अंग्रेजों के उपनिवेशवाद के खिलाफ महात्मा गांधी ने जहां सत्याग्रह का एलान किया था, वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंदगी के खिलाफ ‘स्वच्छाग्रह’ की जंग छेड़ दी है। उन्होंने कहा केवल बजट आवंटन के भरोसे भारत स्वच्छ नहीं हो सकता। मोदी ने कहा कि कचरे व कूड़े से ऊर्जा व कंपोस्ट खाद बनाई जा सकती है। इससे
रोजगार सृजन व स्वच्छता दोनों हो सकेंगी। भारतीयों और उनकी सफाई की आदतों की चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान शुरू होने के बाद जगह-जगह से गंदगी के ढेर के फोटो आने लगे और कहा जाने लगा कि अभियान विफल रहा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। लेकिन यह स्वच्छता के प्रति लोगों में आई जागरूकता का नतीजा है। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को यहां स्वच्छता पर आयोजित सम्मेलन ‘इंडोसैन’ का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री, राज्यों के स्वच्छता मंत्री, 500 शहरों के मेयर व उपायुक्त समेत स्वच्छता क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मोदी ने कहा, ‘एक समय था जब स्कूल में श्रमदान करना जरूरी था। इन दिनों किसी ने सफाई की तो कहा जाने लगेगा स्कूल वाले सफाई करा रहे हैं।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि मंदिरों में बड़ी मात्र में चढ़ने वाले फूलों से कंपोस्ट खाद और अगरबत्ती बनाकर रोजगार पैदा किया जा सकता है। कचरे का ढेर देखकर नाक-भौं सिकोड़ने वालों से शिकायत यह है कि वे स्वच्छता को लेकर अपनी आदतों में बदलाव नहीं करते हैं। राजनीतिक लोगों के लिए स्वच्छता को मुद्दा बनाना आसान नहीं है। प्रत्येक दो साल बाद देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव होते हैं। राजनीतिक दलों की प्राथमिकता चुनाव की तैयारियां रहती हैं। स्वच्छता अभियान लोगों के जीवन से जुड़ा है। मोदी ने कहा कि स्वच्छता को लेकर विभिन्न शहरों, कस्बों और जिलों के बीच प्रतिस्पर्धा कराई जा रही है। स्वच्छता अभियान में मीडिया की भूमिका की प्रधानमंत्री ने खुलकर प्रशंसा की। चुटीले अंदाज में मोदी ने कहा कि लोग अपना स्कूटर रोज साफ करते हैं, लेकिन लोग बस में बैठकर उसकी सीट में अंगुली से छेद करने से बाज नहीं आते जबकि सार्वजनिक बस भी अपनी ही है। प्रधानमंत्री ने सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू से दूरदर्शन पर स्वच्छ समाचार चलाने की सलाह दी। एक अनुभव बताते हुए मोदी ने कहा कि बाढ़ के समय एक गांव का पुनरुद्धार कराया गया था, जिसे पांच साल बाद देखने गया तो वहां बनाए शौचालयों का उपयोग बकरी बांधने के लिए किया जा रहा था। स्वच्छता की आदत बचपन से डाली जा सकती है।
स्वच्छता सम्मेलन में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले 11 राज्यों को पुरस्कृत किया गया। इनमें पहला स्थान तमिलनाडु को मिला, लेकिन सबसे ज्यादा पुरस्कार की धनराशि बटोरने में उत्तर प्रदेश आगे रहा। जबकि हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और अंडमान निकोबार को कहीं जगह नहीं मिल पाई। इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने बताया कि 405 शहर खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) हो चुके हैं, जबकि मार्च 2017 तक देश के कुल 739 शहर ओडीएफ हो जाएंगे।
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साभारजागरण समाचार 
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