Sunday, October 2, 2016

जीरो टॉलरेंस: भष्टाचार में संलिप्त सिविल सर्जन को रिटायरमेंट के दिन ही कर दिया ससपेंड

भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रदेश सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए यमुनानगर की सिविल सर्जन डॉ. ऋतु चौधरी को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई 30 सितंबर को सिविल सर्जन के रिटायरमेंट वाले दिन ही हुई। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद उनको मिलने वाले सभी लाभ फिलहाल रोक लिए गए हैं। बता दें कि पिछले सप्ताह
यमुनानगर में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने मिठाइयों की दुकानों में छापे मारे थे। इस पर कई दुकानदारों ने आरोप लगाया था कि कार्रवाई का भय दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूल की गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उन्होंने इसकी शिकायत विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर और यमुनानगर विधायक घनश्यामदास अरोड़ा को दी थी। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब यमुनानगर आए तो विधायक और स्पीकर ने सिविल सर्जन पर लग रहे आरोपों की जानकारी उनको दी थी। इस मामले में लोगों ने भी सीएम से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने विभाग के उच्चाधिकारियों को जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद उच्चाधिकारियों ने रिटायरमेंट के दिन ही सिविल सर्जन ऋतु चौधरी को सस्पेंशन लेटर भेज दिया। सूत्रों के मुताबिक आनन-फानन में जारी किए गए सस्पेंशन लेटर में कारण स्पष्ट नहीं किए गए। अगर कारण स्पष्ट किए जाते तो लेटर जारी करने में देरी हो सकती थी। अब सोमवार या मंगलवार को विभाग की ओर से आरोप पत्र भी जारी कर दिए जाने की संभावना है। यमुनानगर के विधायक घनश्यामदास अरोड़ा का कहना है कि भाजपा सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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साभारजागरण समाचार 
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