Sunday, October 23, 2016

मैनेजमेंट टिप: सोशल नेटवर्क से लॉटरी खेलें, बिज़नेस खड़ा करें

एन. रघुरामन (मैनेजमेंट गुरु)
दो दिन पहले की अंतिम गणना के मुताबिक 44 हजार युवतियों ने मैसेज भेजकर लालू प्रसाद यादव के 26 वर्षीय पुत्र तेजस्वी यादव से विवाह की इच्छा जाहिर की है। ये सिर्फ बिहार की युवतियां ही नहीं थीं बल्कि वॉट्सअप नंबर पर मैसेज भेजने वाली दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात और कुछ अन्य राज्यों की
युवतियां भी हैं। आप सोच सकते हैं कि इसमें गलत क्या है? यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रभावशाली परिवार को तो बड़ी संख्या में ऐसे प्रस्ताव मिलेंगे ही, लेकिन मुद्‌दा यह है कि ये प्रस्ताव वॉट्सएप मैसेज के रूप में सरकारी टेलीफोन पर आए हैं! 
उपमुख्यमंत्री होने के साथ बिहार के सड़क निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने जून में वॉट्सएप नंबर 9470001346 जारी कर लोगों से सड़कों से संबंधित शिकायतें भेजने का आग्रह किया था, लेकिन प्राप्त 47 हजार संदेशों में 44 हजार तो विवाह प्रस्ताव ही हैं! जहां कुछ युवतियों ने तत्काल प्रसिद्ध और धनी बनने की जिंदगी की महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल किया, वहीं तमिलनाडु के तिरुचि की इन दो महिला व्यवसायियों से मिलिए, जिन्होंने अपने सोशल नेटवर्किंग फेसबुक पेजों का उपयोग आर्थिक स्वतंत्रता के अपने सपने को साकार करने में किया। तेईस साल की उम्र में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाली सुभिक्षा राजशेखर अब तक हैडफोन्स की जोड़ी के साथ किसी कॉल सेंटर में आराम से सेेटल हो गई होतीं। किंतु कुछ अलग करने की चाहत में वे बिज़नेस चलाकर आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहती थी। जून 2015 में उन्होंने अपना फेसबुक पेज 'ब्यूटी क्विल्स एंड कोरल बुटिक' शुरू किया ताकि रेशम और पेपर क्विलिंग से बनी फैशन असेसरी बेची जा सके। सुभिक्षा को जल्दी ही ध्यान में गया कि मार्केट में वाजिब दाम की अच्छी क्वालिटी के ड्रेस मटेरियल साड़ियों की अच्छी मांग है। इवेंट मैनेजमेंट खासतौर पर पारीवारिक कार्यक्रमों में आए उछाल ने उन्हें 'यूनिफॉर्म साड़ी' अौर फुटवेयर रिटर्न गिफ्ट के थोक ऑर्डर जैसे विकल्पों में किस्मत आजमाने का मौका दिया। 
शुरुआत में तो उन्हें अपने ही मित्रों के सर्कल में से ऑर्डर मिले, लेकिन आज उनके ग्राहकों में ज्यादातर ऐसी प्रौढ़ और पेशेवर महिलाएं हैं, जो रोज पहने जाने वाले ट्रेंडी परिधान कॉटन साड़ियों के अलावा भारी सजावट वाले प्रोडक्ट की तलाश में रहती हैं। वे स्थानीय बुटिक को भी कमीशन पर कपड़े सप्लाई करती हैं। इस वक्त वे पांच राज्यों के 12 शहरों के 17 सप्लायरों से डील कर रही हैं। चूंकि अपने फेसबुक पेज को सपोर्ट देने के लिए उनके पास ईंट-सीमेंट से बना स्टोर नहीं है, सुभिक्षा पहले कस्टमर से पैसा ले लेती हैं और फिर उनके लिए स्टॉक डिजाइन करती हैं। वॉट्सएप और फेसबुक उनके पसंदीदा संपर्क के माध्यम हैं। उनकी एक ही महत्वाकांक्षा दुनिया को यह बताने की थी कि युवा हमेशा ही सोशल मीडिया में वक्त बर्बाद नहीं करते। कम्प्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री के बाद 27 वर्षीय कलैवाणी विजयाराघवन कास्ट्यूम ज्वेलर बन गईं। वे हमेशा से ऐसा कुछ करना चाहती थीं, जो रचनात्मक रूप से संतोषजनक हो और शादी होने के बाद भी उसे आसानी से चला सकें। उनके फेसबुक पेज 'कलाई डॉट डिज़ाइन' पर कई नोटिस हैं, जिसमें विजिटर को वहां लगे रेशम के धागों से बने अलंकारों के फोटो चोरी करने के खिलाफ चेतावनी दी गई है। 
संभव है कि आपने लाखों रुपए स्वर्ण अाभूषणों पर खर्च किए हों, जो आपकी पोशाक के अनुकूल हों। किंतु रेशम के धागों से बनी असेसरी कुछ सौ रुपए में पड़ती है और उन्हें किसी भी रंग में बनाया जा सकता है। स्वाभाविक है कि कीमत और मैचिंग मुख्य आकर्षण हैं। आज उनके पास थोक मंे ऑर्डर हैं और दस्तकारों का छोटा-सा नेटवर्क भी है, जो उनके परिश्रम के भार को कम करता है। 
उनके प्रोडक्ट अमेरिका, डेनमार्क और ब्रिटेन में भेजे जाते हैं और दुबई शॉपिंग एक्स्पो जैसी प्रदर्शनियों में भी वे भाग लेती हैं। वे कस्टमाइज पैकिंग ऑफर करती हैं और माल की डिलीवरी के लिए देशी-विदेशी कूरिअर कंपनियों से उनका करार है। 
फंडा यह है कि सोशल नेटवर्क का इस्तेमाल जिंदगी में लॉटरी का खेल खेलने में या बिज़नेस की मजबूत नींव रखने में किया जा सकता है। यह पूरी तरह आप पर निर्भर है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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