Wednesday, October 5, 2016

मैरीकॉम ने लिखी बच्चों के नाम चिट्ठी: तुम छोटे हो लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए कि दुष्कर्म क्या है, क्योंकि तुम्हारी माँ के साथ भी हुई थी छेड़छाड़

बॉक्सर और राज्यसभा सांसद मेरीकॉम ने अपने बच्चों के नाम चिट्‌ठी लिखी है। वो भी दुष्कर्म जैसे मुद्दे को समझाने के लिए। इसमें कहा है कि 'तुम अभी छोटे हो पर अभी से जानो कि दुष्कर्म होता क्या है, क्योंकि
तुम्हारी मां से भी छेड़खानी हुई है।' मेरीकॉम के तीन बच्चे हैं। 9 साल के जुड़वां और छोटा 3 साल का। अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित मेरीकॉमकी चिट्‌ठी इस प्रकार है:
प्यारे बच्चों... 
मैं महिलाओंसे रोज होने वाली यौन हिंसा के बारे में बात करना चाहती हूं। आप अभी बहुत छोटे हो। पर आपको इस उम्र में यह जानना जरूरी है कि महिलाओं से कैसे पेश आएं। हमारा व्यवहार कैसा हो। आपकी मां भी छेड़छाड़ का शिकार हुई है। वो भी तीन-तीन बार। मैं 17 साल की थी, तब मणिपुर में मेरे साथ छेड़छाड़ हुई थी। फिर मेरे दोस्तों के साथ दिल्ली और हरियाणा में भी इससे जूझना पड़ा। यह काफी चौंकाने वाली बात है। सुबह के साढ़े आठ बजे थे। मैं रिक्शे से ट्रेनिंग कैंप जा रही थी। तभी एक अनजान व्यक्ति ने मुझ पर हमला कर दिया। उसने मेरी छाती पर हाथ लगाया। मुझे गुस्सा आया। मैंने चप्पल हाथ में लेकर उसका पीछा किया। मगर वो भाग गया। अफसोस है कि उस वक्त कराटे की ट्रेनिंग मेरे काम सकी। अब 33 साल की हूं। लोग एक मेडलिस्ट के तौर पर मेरी तारीफ करते हैं। लेकिन, मैं चाहती हूं कि एक औरत के तौर पर भी मेरा उतना ही सम्मान हो। किसी इंसान के लिए हम नाटी और चपटी हैं, जिसे चिंकी कहकर बुलाया जाता है। किसी के लिए हमारा जिस्म ही सब कुछ है। मेरे प्यारे बच्चों... याद रखना तुम्हारी तरह हमारे पास भी दो आंखें और एक नाक है। बस हमारे जिस्म के कुछ हिस्से तुम से अलग हैं। इतना सा फर्क है हमारे-तुम्हारे बीच। यह मायने नहीं रखता कि महिलाएं क्या पहने या कब घर से बाहर निकले, क्योंकि यह दुनिया उतनी ही महिलाओं की है जितनी मर्दों की। मुझे आजतक यह समझ नहीं आया कि किसी महिला को उसकी मर्जी के खिलाफ छूने से मर्दों को क्या मिलता है। जब कभी तुम किसी महिला के साथ छेड़खानी होते हुए देखना तो तुम उस महिला की मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाना। रोड पर चलता हर व्यक्ति मुझे नहीं पहचान सकता। जैसा धोनी और विराट को पहचानते हैं। लेकिन मैं यह भी डिजर्व नहीं करती कि कोई मुझे चिंकी कहे। मैं यौन हमलों को लेकर लोगों को जागरूक करूंगी। आओ हम ऐसा समाज बनाएं, जहां लड़कियां हर जगह सुरक्षित रहें और उन्हें किसी तरह का डर हो। 
...तुम्हारीमां
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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