Saturday, October 8, 2016

निठारी काण्ड के नर-पिशाच सुरेंद्र कोली को छठी बार हुई फांसी की सजा

निठारी कांड के नरपिशाच सुरेंद्र कोली को सीबीआइ कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने खुली सुनवाई में फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि अभियुक्त तीस दिन के अंदर हाई कोर्ट में अपील कर सकता है। अदालत का फैसला 102 पेज का था। इस दौरान कोली बड़े ध्यान से सुनता रहा। उसके बाद कुछ देर तक होंठ चबाता रहा फिर शांत हो गया। सुनवाई के दौरान पीड़ित व अभियुक्त की तरफ से कोई कोर्ट में मौजूद नहीं था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शुक्रवार सुबह दस बजे सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा सीबीआइ कोर्ट में उपस्थित हुए और 11 बजे सुरेंद्र कोली को पेश किया गया। सजा पर दोनों पक्षों में बहस हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कोली को मानसिक बीमार बताते हुए अर्जी दी, जिसका अभियोजन पक्ष ने विरोध किया। कहा कि कहा कि जब एम्स का बोर्ड साबित कर चुका है कि मानसिक रूप से कोली पूरी तरह स्वस्थ्य है तो इस अर्जी का कोई मतलब नहीं है।

लोक अभियोजक ने कहा कि सुरेंद्र कोली 31 अक्टूबर 2006 को महिला को चाय पिलाने के बहाने डी-5 सेक्टर 31 नोएडा में ले गया। वहां चुन्नी से गला दबाकर बेहोश कर दुष्कर्म किया और फिर हत्या कर शव को काटकर गैलरी व नाले में फेंक दिया। ऐसी प्रवृत्ति जानवरों की भी नहीं होती। ऐसे नरपिशाच को जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं है। लोक अभियोजक ने अधिकतम सजा की अपील करते हुए कहा कि यह एक विरल से विरलतम श्रेणी का अपराध है। एक असहाय और गरीब महिला फटे कपड़े पहनकर झाडू पोंछा लगाने का कार्य करती थी। अभियुक्त ने हवस का शिकार बनाकर उसकी बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी। घटना हृदय द्रवित और रोंगटे खड़े करने और समाज की चेतना भंग करने वाली है। ऐसा कृत्य समाज पर कलंक है। अभियोजन पक्ष ने 50 गवाह भी पेश किए।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभारजागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.