Saturday, October 15, 2016

नकली आधार कार्ड बनाकर देने जा रहे थे ओपन बोर्ड की परीक्षा; पकड़े जाने के डर से गेट पर से ही भागे वापस 'मुन्नाभाई'

फर्जी परीक्षार्थियों को रोकने के लिए नेशनल ओपन स्कूल की परीक्षा में थ्री-लेयर सुरक्षा इंतजाम किए तो 'मुन्ना भाई' सरीखे युवाओं ने उसे भी सेंधने की जुगत भिड़ाई। परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए रोल नंबर स्लिप के साथ
अन्य पहचान पत्र अनिवार्य किया गया तो कुछ 'परीक्षार्थी' फर्जी आधारकार्ड तैयार कर लाए। हालांकि जब गेट पर ही जांच में फंसते दिए तो बगैर पेपर दिए भी भाग गए। शुक्रवार को ऐसे करीब 25 केस सामने आए हैं।

28 सितंबर से नेशनल ओपन स्कूल की परीक्षा चल रही है। इसमें कई परीक्षार्थी अपनी जगह किसी और से परीक्षा दिलवा रहे थे। इसका खुलासा तब हुआ जब रोहतक के केंद्रीय विद्यालय की ओर से यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को थ्री लेयर कर दिया गया। यहां रोल नंबर स्लिप के साथ एक अन्य फोटो पहचान-पत्र अनिवार्य किया गया। शुक्रवार को 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान विभाग की परीक्षा थी। यहां पर जैसे ही ढाई बजे स्टूडेंट्स ने आना शुरू किया तो मुख्य गेट के बाद अंदर रोल नंबर जांचा गया। यहां पर रोल नंबर यानी हॉल टिकट के साथ फोटो का मिलान जब उनके आधार से किया गया तो पाया कि सिर्फ आधार कार्ड पर फोटो किसी और का है और उनकी जगह परीक्षा देने वाला कोई और। यह देखकर एक बार तो परीक्षा ड्यूटी देने वाले शिक्षक हैरान रहे गए। स्टूडेंट्स से पूछताछ की तो वे बहाना बनाकर भाग गए। 
केंद्रीय विद्यालय के प्रिंसिपल सुरेंद्र ने बताया कि स्टूडेंट्स की जांच के लिए थ्री लेयर सुरक्षा कर दी गई है। मुख्य गेट से लेकर हॉल तक तीन बार कड़ी सुरक्षा घेरे से स्टूडेंट्स को निकलना होता है, इसके बाद ही उन्हें परीक्षा केंद्र में बैठने दिया जाता है। 
फर्जीवाड़े का पता स्कूल स्टाफ को तब चला जब उन्होंने अपने पास जब्त किए आधार कार्ड का मिलान किया। स्टूडेंट्स के लौटने पर शिक्षकों ने पाया कि 5 जब्त किए गए आधार कार्ड में से तीन पर रोहतक के बाबरा मोहल्ला हरिया गेट के मकान नंबर भी समान पाए गए। 
3 बारफोन पर भी नहीं पहुंची पीसीआर : केंद्रीयविद्यालय के शिक्षकों ने फोन पर पुलिस को सूचित किया। करीब दो घंटे तक इंतजार के बाद भी पुलिस के आने पर स्कूल स्टाफ ने ही सुरक्षा का जिम्मा संभाला। 
महिला के आधार पर लगाया अपना फोटो 
फर्जीतरीके से आधार कार्ड बनाने का खुलासा तब हुआ जब परीक्षार्थी ने अपना आधार कार्ड शिक्षक को दिया। शिक्षक ने अपने आईटी एक्सपर्ट होने का फायदा उठाते हुए उसे ऑनलाइन ही चेक कराया। यहां पर उक्त आधार नंबर किसी 50 वर्षीय महिला के नाम था, जबकि उस पर स्टूडेंट्स ने फोटो शॉप के जरिए अपना फोटो चिपका दिया है। यह देखते ही स्टूडेंट्स अपनी दूसरी आईडी लाने के नाम पर भाग गया।