Sunday, October 30, 2016

पब्लिक स्पीकिंग का डर दूर करना हो तो ये तीन हैं कारगर उपाय

अच्छा बोलने का सीधा संबंध कॅरिअर ग्रोथ से होता है। इससे मोटिवेट करने की क्षमता आती है और यह भी पता चलता कि काम पर पकड़ कितनी है। एक अनुसंधान के अनुसार 74 प्रतिशत लोग ऑडियंस के सामने बोलने में घबराते हैं। लेकिन अगर बड़ा बिजनेस करना है और लोगों को अपनी कहानी बताना है तो इस डर पर काबू पाना
जरूरी है। डेल कार्नेगी ने कहा था कि अगर आप पब्लिक स्पीकिंग का डर निकालना चाहते हैं तो बार-बार इसका प्रयास करना जरूरी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। भले ही आप छोटी-छोटी स्पीच से शुरुआत करें। क्योंकि कभी भी आॅडियंस स्पीच छोटी हाेने की शिकायत नहीं करती। पब्लिक स्पीकिंग के डर के कुछ कारण होते हैं लेकिन इससे उबरने के तरीके भी हैं:
  1. असल में पब्लिक स्पीकिंग के पहले सबसे बड़ी समस्या होती है नर्वस हो जाना। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हम ऑडियंस और अपने मैसेज की बहुत ज्यादा चिंता करने लगते हैं। और जब दिल की धड़कनें तेज हो जाती है और हथेलियों में पसीना आने लगता है तो ऐसा लगता है कि कोई बहुत बड़ी भूल होने वाली है। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अनुसंधानों से पता चला है कि थोड़ी चिंता अलर्ट कर देती है और असल में यह गलती करने से रोकती है। आप चाहें तो कुछ वक्ताओं को बाेलते हुए सुन सकते हैं। जैसे वर्जिन ग्रुप के फाउंडर रिचर्ड ब्रेनसन, जो कभी पब्लिक स्पीकिंग से डरते थे। ऐसे लोगों की जीवनी देखेंगे तो इससे प्रेरणा मिलेगी। 
  2. पब्लिक स्पीकिंग से डरने वाले शुरू में लिखा हुआ पढ़ने या पावर पॉइंट प्रेजेन्टेशन का उपयोग कर सकते हैं। वैसे लिखा हुआ देखकर पढ़ना प्रभावशाली और अच्छा तरीका नहीं माना जाता। बेहतर तरीका है कि अंदाज स्टोरी टेलिंग वाला हो। पावर पॉइंट प्रेजेन्टेशन को इसलिए कई बार इसलिए अच्छा नहीं माना जाता कि इसमें ऑडियंस बोलने वाले को नहीं स्क्रीन को देखने लगते हैं। शुरुआत में जब बोलने में डर लगता है तो यह ऑडियंस का ध्यान हटाने का अच्छा तरीका होता है। लेकिन जब डर निकल जाए तो कहानी के रूप में ऑडियंस से सवाल-जवाब करते हुए बोलना श्रेष्ठ तरीका है। 
  3. ऑडियंस के सामने बोलते समय उनसे कनेक्ट करना काफी अहम होता है। इसके लिए जरूरी नहीं कि हर बात आंकड़ों और तथ्यों से भरी हो। कुछ बातें अपनी निजी जिंदगी की भी कही जा सकती है। कोई किस्सा बताया जा सकता है, जिसने कुछ सिखाया हो या जीवन को पूरी तरह बदल दिया हो। कोई कोई घटना हर व्यक्ति के जीवन में ऐसी होती है जो उसे पूरी तरह बदल देती है और जब आप ऐसा किस्सा सुनाते हैं तो ऑडियंस आसानी से कनेक्ट कर जाती है। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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