Sunday, October 2, 2016

बॉलीवुड फिल्मों में पाक कलाकारों पर प्रतिबन्ध से 75% तक 'घाटा' होगा इन कलाकारों को

पाक कलाकारों को बॉलीवुड में बैन किया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि इससे किसको नुकसान होगा? जानकारों की माने तो इससे बॉलीवुड पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा, हां पाक कलाकारों की कमाई और नाम दोनों पर बड़ा असर पड़ेगा। दरअसल, फवाद खान, अली जफ़र जैसे पाकिस्तानी सितारों को पाकिस्तान में एक फिल्म के लिए महज 25 लाख रु. फीस मिलती है। जबकि हमारी हिंदी फिल्मों में इन्हें एक से डेढ़ करोड़ प्रति फिल्म फीस मिली है। यानी इन्हें कमाई में ही करीब 75 फीसदी का घाटा होगा।
यही हाल बाकी पाकिस्तानी कलाकारों का भी है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। केवल फीस ही नहीं। यहां बैन लगने के बाद इन्हें इंटरनेशनल स्टेज शो और टूर नहीं मिलने का भी नुकसान होगा। लन्दन, अमेरिका, दुबई वगैरह में हिंदी फिल्मों की बदौलत इन्हें स्टेज शो और अन्य फ़िल्मी टूर्स में हिस्सा बनने का मौका मिल जाता है। फिल्म कपूर एंड संस में महज 18 दिन की शूटिंग के बदले फवाद को एक करोड़ रुपए मिले थे। फवाद ने पाकिस्तान में फिल्मों से ज्यादा टीवी में काम किया है। जहां उनकी फीस प्रति एपिसोड महज 4 लाख है। यह पाकिस्तान टीवी के कलाकारों को मिलने वाली अधिकतम फीस है। जबकि हमारे देश में टीवी के बड़े कलाकारों को 20 से 25 लाख तक प्रति एपिसोड फीस मिलती है। फिल्म ट्रेड एनालिस्ट अमोद मेहरा कहते हैं कि हमारी फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों को तीन गुना ज्यादा पैसे मिलते हैं। कई दफा तो दस गुना ज्यादा भी पैसा मिला है। जाहिर है अब पैसा और प्रसिद्धि दोनों का नुकसान उन्हें झेलना पड़ेगा।
किसी भी पाक कलाकार की हिंदी फिल्म ने अब तक कमाई के कोई बड़े रिकॉर्ड नहीं बनाए हैं। इन कलाकारों के ना होने से भी बॉलीवुड में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। फवाद की बात करें तो पहली फिल्म 'खूबसूरत' बमुश्किल रिकवरी कर सकी थी। दूसरी फिल्म कपूर एंड संस में ऋषि कपूर, आलिया भट्ट और सिद्धार्थ मल्होत्रा जैसे स्थापित कलाकार भी थे। अली जफ़र ने कुल 7 फिल्में की, जिनमें से तीन फिल्में हिट थी। इन तीनों में भी अन्य स्थापित कलाकार थे। जानकार बताते हैं 'पाकिस्तानी फिल्मों का बजट और कलाकारों की फीस भारत की मराठी फिल्म इंडस्ट्री के बराबर है।
पाकिस्तान में बड़ी फिल्म का बजट एक से डेढ़ करोड़ से ज्यादा नहीं होता। इनका कारोबार भी 8 से 9 करोड़ से ज्यादा नहीं होता। कलाकारों को 25 लाख से ज्यादा फीस नहीं मिलती। इस हिसाब से इनकी कमाई करीब 75 फीसदी तक कम हो जाएगी। केवल अदनान सामी ही एक अपवाद हैं। जिन्होंने भारत की नागरिकता भी ले ली और वे तुलनात्मक रूप से बहुत रईस कलाकारों की श्रेणी में हैं। मुम्बई के कई पॉश इलाकों में उनकी प्रॉपर्टी है।
बॉलीवुड फिल्मों में एक गीत के लिए राहत फ़तेह अली खान की फीस 15 लाख रुपए है। यह आंकड़ा अन्य बड़े भारतीय सिंगर्स के बराबर है। जबकि पाकिस्तान में राहत को एक गीत के लिए महज एक से तीन लाख फीस मिलती है। आतिफ असलम, शफाकत अमानत अली जैसे सिंगर्स के भी यही हाल हैं। भारत में इन गायकों के स्टेज शो होते हैं, हिंदी फिल्मो के सुपर हिट गाने इन्हें विदेशी स्टेज पर भी ले जाते रहे हैं। पाकिस्तानी गायकों को भी भारत में प्रतिबंधित होने से बड़ा नुकसान होगा। फिल्म एक्सहिबिटर और डिस्ट्रीब्यूटर अक्षय राठी कहते हैं कि यहां आकर पाकिस्तानी कलाकार करोड़ों रुपए कमाते हैं। अब फिल्मों को बैन करने की बात है तो इसमें भी नुकसान हमारे ही निर्माता का है। फवाद खान ने तो अपनी फीस ले ली उनका क्या नुकसान। सरकार की बनाई सेंसर ने जिस फिल्म को पास किया है उस पर किसी कोरोक नहीं लगानी चाहिए। प्रतिबन्ध लगाना हो तो कानूनन स्टे लेना चाहिए। कितना भी विरोध हो मैं तो फिल्म भी प्रदर्शित करूंगा, क्योंकि इसमें रणबीर कपूर है जिनके परिवार ने चार पीढ़ियों से सिनेमा के जरिये भारत का सम्मान बढ़ाया है। ऐश्वर्या राय बच्चन और करण जौहर जैसे सम्मानित लोग भी इसमें शामिल हैं। निर्माता टी पी अग्रवाल कहते हैं कि हमने अपनी फिल्म में से राहत का गाया गाना हटाया। हमारी फिल्म में थोड़ा नुकसान होगा। गाना दोबारा रिकॉर्ड करना होगा, लेकिन देश के सामने नुकसान कुछ भी नहीं। आतंकवाद पर पाकिस्तान के कलाकारों की ख़ामोशी मुझे बर्दाश्त नहीं। फिल्म निर्माताओं के संगठन 'इंडियन मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन' (इम्पा) ने पाकिस्तानी कलाकारों के हिंदी फिल्म उद्योग में काम करने पर रोक लगा दी है। जानिए किन फिल्मों पर होने वाला है असर:
फ़िल्म- दिलरिलीज़-28अक्टूबर
कलाकार-रणबीर,ऐश्वर्या, फवाद
प्रभाव- दिवालीपर सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर विवाद में पड़ने के बजाय शिवाय चलाने का संकेत दे रहे हैं। तय नहीं कि मल्टीप्लेक्स दर्शक भी बड़ी संख्या में फ़िल्म देखेंगे या नहीं। 
सबसे बड़ा नुकसान फवाद का: 
प्रतिबंध का सबसे अधिक असर फवाद खान पर पड़ेगा। इसका कारण है कि वे इस समय पाकिस्तानी कलाकारों में सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं। जानकार बताते हैं कि बॉलीवुड फिल्मों में एक से डेढ़ करोड़ से ज्यादा फीस लेने वाले फवाद को बॉलीवुड गानों के दम पर विदेशों में स्टेज शोज़ और टूर मिल जाते हैं। फवाद विदेशी टूर के दौरान करीब 20 लाख रु. फीस लेते हैं, लेकिन एक टूर में 5-6 कार्यक्रम होते हैं। इसलिए उन्हें एक टूर से करीब एक करोड़ मिलता है। वे करीब तीन ब्रांड्स को भी एन्डोर्स कर रहे हैं। फवाद भारत में एक ब्रांड से 4 से 5 करोड़ रुपए लेते हैं। 
फ़िल्म- बलारिलीज़-2017
कलाकार-मीरा
प्रभाव-यहफिल्म बड़े बजट की नहीं है। बड़ी फिल्मों की रिलीज़ होती है तो यह भी रिलीज हो जायेगी। 
इन पांच फिल्मों पर पड़ेगा असर 
फ़िल्म- मॉमरिलीज़-2017
कलाकार-श्रीदेवी,अदनान, सजल अली
प्रभाव-फिल्मकी शूटिंग पूरी हो गई है। लेकिन निर्माताओं ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। 
फ़िल्म- डिअर जिंदगी रिलीज़-25नवंबर
कलाकार-आलिया,शाहरुख़, अली जफ़र
प्रभाव-दर्शकोंकी नाराजगी इसी तरह बनी रही तो फ़िल्म आगे बढ़ने के संकेत भी नहीं हैं। अगर फिल्म आगे नहीं बढ़ती है तो इसकी रिलीज में विवाद होगा ही। कारोबार प्रभावित होगा। 
फ़िल्म- रईसरिलीज़-26जनवरी
कलाकार-शाहरुख़, माहिराखान
प्रभाव-शाहरुख़की असहिष्णुता की टिपण्णी ने फैन फ़िल्म को फ्लॉप श्रेणी में ला दिया था। पूर्व में माहिरा ने शिवसेना पर टिप्पणी की थी। फ़िल्म रिलीज़ हुई तो कारोबार प्रभावित होगा। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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