Saturday, September 10, 2016

TRAI की बैठक में अन्य कम्पनियों ने रिलायंस जियो की फ्री सेवा पर जताया एतराज

रिलायंस जियो की फ्री कॉल और दिसंबर तक मुफ्त डाटा देने से भारतीय मोबाइल फोन सेवा बाजार में जो खलबली मची है, उसके फिलहाल खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे। मामले में बीच बचाव के लिए उतरी नियामक एजेंसी ट्राई की तरफ से बुलाई गई बैठक भी खासी हंगामाखेज रही। हालांकि बैठक के अंत में दोनों
पक्षों के बीच यह समझौता हुआ कि हर मोबाइल ऑपरेटर मसलन एयरटेल, वोडाफोन अब जियो से अपने-अपने स्तर पर बात कर इंटरकनेक्शन मामले का समाधान निकालने की कोशिश करेंगी। लेकिन एयरटेल समेत अन्य सभी मोबाइल ऑपरेटरों ने यह साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे पर फिलहाल झुकने को तैयार नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एयरटेल ने जियो की तरफ से मुफ्त सेवा देने से अपने नेटवर्क पर पड़ने वाले संभावित असर की शिकायत एयरटेल भी ट्राई से की है। 
ट्राई की तरफ से बुलाई गई बैठक में एयरटेल, वोडाफोन समेत अन्य सभी मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियां आमंत्रित थीं। लेकिन जीएसएम सेवा देने वाली इन कंपनियों के एसोसिएशन सीओएआइ को अलग से नहीं बुलाया गया था। सूत्र बताते हैं कि बैठक के दौरान ट्राई के अफसरों ने इस मुद्दे को कई बार उठाया तो सीओएआइ के पदाधिकारी बाहर चले गए। इनके साथ ही अन्य मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधि भी बाहर गए, मगर थोड़ी देर में वे बैठक में वापस लौट आए। इसके कुछ ही देर बाद सीओएआइ ने मीडिया में बयान जारी कर बताया कि जियो के निर्देश पर ट्राई ने उन्हें बैठक से बाहर किया है। साथ ही ट्राई पर सख्त टिप्पणी भी की गई। इसके बाद रिलायंस जियो इंफोकॉम के निदेशक बोर्ड के सदस्य महेंद्र नाहटा ने इस आरोप से इन्कार किया। नाहटा ने कहा कि जिन लोगों को आमंत्रण मिला था उन्हें बैठने दिया गया है। जब एक कंपनी के नेटवर्क से दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर फोन किया जाता है तो उसके लिए इंटरकनेक्शन की जरूरत होती है। इसके लिए सभी कंपनियों को एक दूसरे के लिए इंटरकनेक्शन स्विच मुहैया कराने होते हैं।
बहरहाल, विवादों के बीच बैठक चली। अंदर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। बैठक के बाद सीओएआइ ने दोबारा प्रेस कांफ्रेंस की और बताया कि सेलुलर ऑपरेटर्स व जियो के बीच अब अपने अपने स्तर पर इंटरकनेक्शन यूजर चार्ज लगाने के मुद्दे पर बात होगी। इसका सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश की जाएगी। मौजूदा टेलीकॉम कंपनियां 90 दिनों में जियो की जरूरत के मुताबिक इंटरकनेक्शन देने की व्यवस्था करेंगी। दूसरे शब्दों में कहें तो जियो के साथ समझौता करने के बाद भी ये कंपनियां चाहें तो तीन महीने तक उसे इंटरकनेक्शन के मुद्दे पर लटका सकती हैं। इन कंपनियों ने कहा है कि वे जियो के दावे के मुताबिक दस करोड़ ग्राहकों के लिए इंटरकनेक्शन नहीं दे सकतीं। इसके बजाय मौजूदा कंपनियां जियो के पास अभी जितने ग्राहक होंगे, उसी के हिसाब से इंटरकनेक्शन देंगी।
देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर नियामक ट्राई को पत्र लिखकर सभी मोबाइल ऑपरेटरों की स्थिति साफ कर दी है। एयरटेल ने ट्राई से आग्रह किया है कि जब उनके नेटवर्क पर एक साथ फ्री सेवा वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी, तो इससे निपटने की व्यवस्था पहले ही करनी होगी। ट्राई को यह व्यवस्था करनी चाहिए कि दूसरे मोबाइल ऑपरेटर अचानक ही ‘फ्री सेवा की सुनामी’ से बच सकें।’ एयरटेल व अन्य सभी कंपनियों का कहना है कि जब जियो की फ्री सेवा से उनके नेटवर्क प्रभावित होंगे।
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साभारजागरण समाचार 
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