Wednesday, September 28, 2016

पाकिस्तान को दिया MFN का दर्जा वापस लेगा भारत

सिंधु जल संधि की समीक्षा के बाद भारत अब पाकिस्तान को दिए गए प्रमुख वरीयता प्राप्त राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा भी वापस लेने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में गुरुवार को अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। भारत ने वर्ष 1996 में ही पाकिस्तान को यह दर्जा दिया था। भारत तभी से पाकिस्तान
से भी इस तरह के दर्जे की मांग कर रहा था ताकि द्विपक्षीय कारोबारी रिश्ते को मजबूत किया जा सके। लेकिन उसने यह दर्जा नहीं दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उड़ी हमले के बाद भारत में इसे रद्द करने की मांग बढ़ती जा रही है। इस बीच देर रात विदेश मंत्रलय ने इस्लामाबाद में होने वाली दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) शिखर बैठक में भारत के हिस्सा नहीं लेने की घोषणा की। भारत ने सार्क के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को इसकी सूचना दे दी है। 
मोदी ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक कर सिंधु जल समझौते की समीक्षा की और कई अहम फैसले किए जिससे पाकिस्तान में तहलका मचा हुआ है। एमएफएन दर्जा वापस लेने से हालांकि व्यापारिक दृष्टि से फिलहाल भारत को नुकसान हो सकता है लेकिन जनभावना को भांपते हुए सरकार यह कदम उठाने को तैयार है।
फैसला किया, पर दिया नहीं दर्जा: एमएफएन दर्जा विश्व व्यापार संगठन के मुताबिक एक देश दूसरे को देते हैं ताकि उनके बीच कारोबारी रिश्ते को आसान किया जा सके। पाकिस्तान ने दिसंबर, 2012 में भारत को यह दर्जा देने का फैसला कर लिया था लेकिन बाद में इसे लागू नहीं किया गया। अगर एमएफएन को वापस लिया जाता है तो यह दोनों देशों के आपसी रिश्तों में को और तनावग्रस्त कर देगा। वैसे, फिलहाल इसका ज्यादा नुकसान भारत को ही होगा क्योंकि उसका 2.3 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा। -फियो प्रेसिडेंट का साक्षात्कार
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साभारजागरण समाचार 
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