Thursday, September 8, 2016

स्कूल मुखिया किसी भी अध्यापक की एप्लीकेशन नहीं कर सकेंगे रिजेक्ट

सरकारी स्कूलों के शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टॉफ के लिए राहत भरी खबर है। अब उनको छुट्टी, प्रमोशन व ट्रांसफर सहित अन्य कामों के लिए स्कूल मुखिया की प्रताड़ना नहीं ङोलनी पड़ेगी। शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार अब हर एप्लीकेशन पर स्वीकृति के लिए की पावर या तो सक्षम अधिकारी को ही होगी,
या फिर वे इसे अनिवार्य रूप से स्वीकृति के लिए ऊपर अधिकारियों को भेजेंगे। स्कूल मुखिया अपने लेवल पर किसी भी केस को रिजेक्ट नहीं कर सकेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस संबंध में डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर व अन्य स्टॉफ छुट्टी, प्रमोशन, ट्रांसफर, डेपुटेशन के केस स्कूल मुखिया को देते हैं। मगर स्कूल मुखिया अपने स्तर पर कई केसों को आगे भेजने के बजाए रिजेक्ट कर देते है। इस कारण उनको मानसिक परेशानी ङोलनी पड़ती थी। इसी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं ताकि स्कूल मुखिया अपनी पावर का गलत प्रयोग न कर सकें। 
मानसिक परेशानी को देखते हुए उठाया कदम: टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ अपने केस को मुख्यालय के पास भिजवाने के लिए स्कूल मुखिया को देते हैं। मुखिया अपनी पावर का दुरुपयोग करते हुए कई एप्लीकेशन को आगे नहीं भेजते और अपने पास ही रोक लेते हैं। यहां तक कि केस को रिजेक्ट तक कर दिया जता है। उदाहरण के लिए महिला को बच्चे के लिए छुट्टी लेनी है, लेकिन स्कूल मुखिया उसे अपने लेवल पर ही रिजक्ट कर देते हैं। इस कारण महिला स्टाफ को मानसिक होती है।
सरकार का यह फैसला सराहनीय है। स्कूल मुखिया पद का दुरुपयोग करते हुए अपने लेवल पर टीचर के केस को रोक लेते हैं। इस वजह से अध्यापक को मानसिक परेशानी ङोलनी पड़ती है। फैसले के अनुसार सक्षम अधिकारी ही केस की स्वीकृति दे सकेगा। - विकास टुटेजा, फतेहाबाद जिला प्रधान, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ 
मुख्यालय की तरफ से पत्र आया है। इसमें कहा गया है कि किसी मुखिया को अगर स्वीकृति देने का अधिकार नहीं है तो वह उस एप्लीकेशन को अपने स्तर पर रिजेक्ट न करें और पें¨डग भी न छोड़े। संबंधित केस को तुरंत सक्षम अधिकारी को भेंजे। संबंधित निर्देशों की पालना के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी कर दिया गया है। - दयानंद सिहाग, उप जिला शिक्षा अधिकारी।
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साभारजागरण समाचार 
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