Saturday, September 17, 2016

एमआईएस डाटा अपलोड करने के आदेशों पर प्राइवेट स्कूल असमंजस में

शिक्षा विभाग के आनॅलाइन सिस्टम में प्राइवेट स्कूल फंस चुके हैं। ज्यादातर स्कूल संचालक मान्यता से बाहर होकर अवैध रूप से कक्षाएं लगाते हैं। मसलन, जहां आठवीं तक की मान्यता है, वहां दसवीं तक की कक्षाएं चल रही हैं और दसवीं तक के स्कूल 12वीं तक कक्षाएं लगा रहे हैं। इन स्कूल संचालकों को आदेश दिए हैं कि वे बच्चों
का डाटा अपलोड करें। यदि यह काम न किया तो शिक्षा विभाग कार्रवाई कर सकता है। यदि वे डाटा अपलोड कर दिया जाता है तो स्कूल संचालकों की गड़बड़ी सामने आती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। ऐसे में स्कूल संचालक दोनों तरफ से ही घिर चुके हैं। शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत वर्मा ने इस मसले को लेकर स्कूल संचालकों की बैठक बुलाई। बैठक में स्कूल संचालकों को चेतावनी देकर कहा कि सात दिन में डाटा अपलोड करें। अगर नहीं करते हैं तो शिक्षा विभाग छात्रों को ब्लैक लिस्ट में डाल सकता है। 
फतेहाबाद के सीनियर मॉडल स्कूल मॉडल टाऊन में शुक्रवार को प्राइवेट स्कूल संचालकों की मीटिंग बुलाई गई। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत वर्मा ने स्कूल संचालकों की खिंचाई करते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़े-लिखे लोगों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनके सभी कागज भी पूरे हैं। आधार कार्ड भी बने हुए हैं। लेकिन इन सब के बावजूद प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थियों का डाटा अपलोड नहीं है।
स्कूल संचालक 21 सितंबर तक सभी छात्रों का डाटा पोर्टल पर अपलोड करें तथा उसे आधार कार्ड से भी लिंक करें। अगर स्कूल संचालक अपलोड नहीं करते हैं तो मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इससे यह भी साबित होगा कि स्कूलों में फर्जी तरीके से एडमिशन देकर पढ़ाया जा रहा है। यदि डाटा अपलोड किया तो गड़बड़ी सामने आएगी, यदि न किया तो शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा।
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साभारजागरण समाचार 
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