Monday, September 19, 2016

कवायद: बेसहारा गौवंश को गोचरान भूमि में या विशेष बाड़े बना कर दिया जाएगा आश्रय

हरियाणा की सड़कों पर अब बेसहारा घूमता गोवंश नजर नहीं आएगा। ऐसी गायों को आसरा देने तथा बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पंचायतों का सहयोग लेने की कार्य योजना तैयार की है। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में गोचरान की भूमि पर विशेष बाड़े बनाकर बेसहारा गायों को उनमें रखा जाएगा। जिन
गांवों में गोचरान की भूमि नहीं है, वहां पंचायतों से विशेष बाड़े बनाने को कहा जाएगा। इस काम के लिए राज्य सरकार पंचायतों को विशेष अनुदान देने को तैयार हो गई है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बेसहारा पशुओं की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं और गायों की बेकद्री का मुद्दा विधानसभा में उठने के बाद गोसेवा आयोग ने इन गायों को आसरा देने की योजना तैयार की है। विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला और कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी समेत कई विधायकों ने बेसहारा गायों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं पर विधानसभा में सरकार को घेरा था। इस मुद्दे पर करीब डेढ़ घंटे तक विधानसभा में चर्चा हुई थी। आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष नवीन जयहिंद के नेतृत्व में राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों के आवास के बाहर गायों को बांधने का अभियान अलग से चल रहा है। गुजरात से लौटे राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष भानी राम मंगला ने बेसहारा गायों के संरक्षण का ब्लू प्रिंट तैयार कर सरकार को दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पशुपालन मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के साथ इस पर आयोग के अध्यक्ष की जल्दी ही चर्चा होगी। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक राज्य में बेसहारा गायों की संख्या 1.20 लाख है, जबकि विधानसभा में चर्चा के दौरान इनकी संख्या लगभग 4 लाख बताई गई थी। गोसेवा आयोग अगले दो माह के भीतर सभी बेसहारा गायों को गोचरान और पंचायतों की जमीनों में बनने वाले विशेष बाड़ों तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पशुपालन मंत्री धनखड़ की ओर से हर जिले में गायों के संरक्षण, रखरखाव और विशेष बाड़े बनाने के लिए 15-15 लाख रुपये पहले ही भेजे जा चुके हैं। इस राशि से गोचरान की जमीनों पर बाड़े बनेंगे। जिन गांवों में गोचरान की जमीनें खाली नहीं हैं अथवा उन पर कब्जे हो रखे हैं, वहां पंचायतों से गायों के बाड़ों के लिए अलग से जमीन देने का आग्रह किया जाएगा। गोचरान और पंचायतों की जमीनों पर बनने वाले बाड़ों का रखरखाव ग्राम पंचायतें, बीडीओ और गोसेवा आयोग के सदस्य मिलकर करेंगे।
हमारा लक्ष्य अगले दो माह के भीतर बेसहारा गायों को विशेष बाड़ों तक पहुंचाने का है। इस बारे में मुख्यमंत्री जी से अनुमति ले ली गई है। जिन गांवों में गोचरान की जमीनें नहीं हैं, वहां पंचायतों से जमीन देने का अनुरोध करेंगे। गायों का रखरखाव करने वाली पंचायतों को चेक के जरिए यह राशि दी जाएगी। हमारी सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गाय संरक्षण की दिशा में बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही है। - भानी राम मंगला, अध्यक्ष, गोसेवा आयोग हरियाणा।
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साभारजागरण समाचार 
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