Thursday, September 15, 2016

रियो पैरालंपिक: जेवलिन थ्रो में चूरू के देवेंद्र झाझड़िया ने जीता सोना

रियो पैरालंपिक में जेवलिन थ्रो में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले भारत के देवेंद्र झांझरिया के जीवन के संघर्ष की दास्तां किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। राजस्थान के चुरू जिले में आठ वर्ष की उम्र में पेड़ पर चढ़ते समय उन्हें 11 हजार वोल्ट का करंट लगा था। उस वक्त वह इतनी बुरी तरह झुलस गए थे कि एक रात भी जिंदा रह पाएंगे या नहीं, यह तय नहीं था। इस दुर्घटना में उनका बायां हाथ खराब हो गया था जिसे काटना पड़ा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा था कि अब वह ज्यादा मेहनत का काम नही कर सकेंगे, लेकिन देवेंद्र ने सभी को गलत साबित किया। जुझारू देवेंद्र और उनके परिजनों ने हार नहीं मानी और फिर शुरू हुई उनकी सफलता की तरफ बढ़ने की कहानी।

रियो पैरालंपिक में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झांझरिया ने अपनी इस जीत के पीछे की प्रेरणा के बारे में बताया है। उन्होंने अपनी छह साल की बेटी के साथ हुई ‘डील’ के बारे में रहस्योद्घाटन किया, जिसने उन्हें पैरालंपिक में रिकॉर्ड दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रेरित किया। राजस्थान में झांझरिया के साथ ट्रेनिंग के लिए गई जिया का अपने पिता के साथ समझौता हुआ था कि अगर वह अपनी एलकेजी परीक्षा में टॉप करती है तो वह पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर लाएंगे।

उम्मीद है बेटा पहचानने लगेगा: झांझरिया ने अपने तीसरे प्रयास में 63.97 मीटर की थ्रो फेंका और 2004 में एथेंस पैरालंपिक में 62.15 मीटर से स्वर्ण जीतने के अपने ही प्रयास में सुधार किया। झांझरिया पिछले दो पैरालंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए, क्योंकि उनकी स्पर्धा को कार्यक्रम में जगह नहीं मिली थी। इस दौरान खुद को फिट और चोट मुक्त रखने के लिए झांझरिया ने कड़ी ट्रेनिंग की और बेहद कम बार घर गए। वह इतना कम घर पर रहे हैं कि उनका दो साल का बेटा काव्यान अपने पिता को पहचानता भी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘उसे यह भी नहीं पता कि पिता कैसा होता है। उसकी मां मेरी फोटो दिखाकर कहती है कि यह तुम्हारे पापा हैं। उम्मीद करता हूं कि अब उसके साथ कुछ समय बिता पाऊंगा।’ झांझरिया ने कहा कि मां जिवानी देवी और पत्नी मंजू ने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई। मंजू राष्ट्रीय स्तर की पूर्व कबड्डी खिलाड़ी हैं।

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साभारजागरण समाचार 
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