Tuesday, September 20, 2016

तीन एचसीएस नॉमिनेट मामले में सरकार को नोटिस: हुड्डा ने अपने नजदीकियों को बनाया था एचसीएस जिनमें से एक की डिग्री थी फर्जी

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने साल 2014 में तीन एचसीएस को नोमिनेट करने व सीबीआइ जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। आरोप है कि हुड्डा सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर फर्जी डिग्री वालों को भी एचसीएस बना दिया था। इस मामले में हिसार निवासी भजन लाल ने
हाईकोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार ने साल 2014 में अपने कर्मचारियों से एससीएस नोमिनेट करने के लिए आवेदन मांगे थे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। याची ने भी इसके लिए विभाग के माध्यम से आवेदन किया था। मेरिट सूची में याची का नाम सबसे उपर था। नियमों के तहत कुल पदों की संख्या से दोगुना नाम एचपीएससी को भेजने थे। एचसीएस के कुल तीन पद थे। मगर जब परिणाम जारी किया गया तो उक्त पदों पर ऐसे लोगो को नियुक्ति दी गई जिनके नाम सूची में ही नहीं थे। याची ने आरोप लगाया कि उक्त तीनों तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा के नजदीकी थे। उनमें से एक विजेंद्र हुड्डा सांघी गांव से और एक अन्य उनके ओएसडी चोपड़ा का नजदीकी था। तीसरा भी हुड्डा का नजदीकी था।
सरकार ने विजेंद्र हुडा, सुरेंद्र कुमार व आशुतोष को एचसीएस बनाया था। याची का आरोप है कि इन तीनों की नियुक्ति नियमों और मेरिट को अनदेखा कर की गई। वहीं विजेंद्र हुडा की तो डिग्री भी फर्जी निकली थी। इस बाबत उसने विजिलेंस को शिकायत भी की थी, लेकिन विजिलेंस ने अभी तक पूर्ण जांच नहीं की है। याची ने इस पूरे मामले की सीबीआइ से जांच करवाने और उक्त तीनों को एचसीएस के पद से हटाने की मांग की है। याची ने सीबीआइ, विजिलेंस के निदेशक व अन्य को प्रतिवादी बनाया हैं। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार समेत सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं।
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साभारजागरण समाचार 
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