Monday, September 12, 2016

बढ़ते निर्यात से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में बेहतर विकल्प

टेक्सटाइल इंडस्ट्री देश की सबसे पुरानी इंडस्ट्रीज में से एक है। कुल 108 अरब डॉलर की क्षमता वाली यह इंडस्ट्री तीन कैटेगरी में बंटी है, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग और मर्केंडाइजिंग। भारत की टेक्सटाइल
इंडस्ट्री में 3 करोड़ से ज्यादा लोग काम करते हैं, लेकिन मध्यम वर्ग की बढ़ती समृद्धि और ब्रैंडेड कपड़ों की बढ़ी मांग के चलते इसमें नौकरियों के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। इस लिहाज से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग का कोर्स छात्रों के कॅरिअर के लिए एक बेहतर विकल्प बन गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। देश के कुल निर्यात में टेक्सटाइल की भागीदारी करीब 11 फीसदी है। निर्यात में अहम भूमिका के चलते सरकार भी इस इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करती है। टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग के सिद्धांतों के साथ कपड़ा उत्पादन के उपकरणों और प्रोसेस के बारे में जानकारी दी जाती है। 
इंजीनियरिंग की इस ब्रांच में केमिकल, इंस्ट्रूमेंटल, कम्प्यूटर, स्ट्रक्चरल इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल का भी कुछ हिस्सा शामिल है। छात्रों को मशीनरी, डिजाइन, फाइबर साइंस टेक्नोलॉजी, अपेरल प्रोसेस आदि के बारे में विस्तार से बताया जाता है। साइंस स्ट्रीम से 10+2 करने वाले छात्र इसके यूजी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। मास्टर कोर्स के लिए स्पेशलाइजेशन के कई विकल्प हैं, जिनमें टेक्सटाइल साइंस, मैनेजमेंट साइंस, अपेरल टेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल केमिस्ट्री और क्वालिटी कंट्रोल प्रमुख हैं। छात्र टेक्सटाइल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा कोर्स कर भी इंडस्ट्री में प्रवेश ले सकते हैं। कोर्स करने वाले छात्रों के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में नौकरी के अवसर हो सकते हैं। वे रिसर्च एंड डेवलपमेंट, सेल्स, क्वालिटी कंट्रोल, प्रोसेस इंजीनियरिंग, प्रोडक्शन इंजीनियरिंग या कॉर्पोरेट मैनेजमेंट से संबंधित जॉब्स हासिल कर सकते हैं। 
एलिजिबिलिटी: फिजिक्स,केमिस्ट्री और मैथ्स विषय से 12वीं पास करने वाले छात्र टेक्सटाइल इजींनियरिंग के बीई या बीटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। प्रवेश जेईई मेंस के स्कोर के अाधार पर मिलेगा। मास्टर डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए गेट स्काेर जरूरी है। 
जॉबप्राॅस्पेक्ट: टेक्सटाइल इंजीनियर के लिए टेक्सटाइल मिल्स, एक्सपोर्ट हाउस, निटवेयर, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट अौर प्रिंटिंग यूनिट में जॉब के मौके हो सकते हैं। इसके अलावा सरकारी और प्राइवेट सिल्क, हैंडलूम, जूट, खादी, और क्राफ्ट डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन में भी अवसर उपलब्ध हैं। 
कमाई: अलग-अलग कंपनियों में पैकेज अलग हो सकता है। फ्रेश इंजीनियरिंग ग्रेजुएट को शुरुआत में 20 हजार से 30 हजार रुपए प्रतिमाह का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद 50 हजार रुपए प्रति माह तक कमाई हो सकती है। 
प्रमुख संस्थान:
  • आईआईटी, दिल्ली 
  • गवर्नमेंट कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एंड टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, हुगली 
  • इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी, कटक 

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साभार: भास्कर समाचार 
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