Monday, September 5, 2016

अलगाववादियों ने नहीं की सर्वदल प्रतिनिधिमण्डल से बात

कश्मीरमें शांति बहाली की कोशिशों को घाटी के अलगाववादी नेताओं ने नकार दिया है। पाकिस्तान को वार्ता में शामिल करने की जिद पर अड़े अलगाववादियों ने रविवार को मिलने पहुंचे 5 सांसदों को दरवाजे से ही लौटा दिया। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल ये सांसद ग्रुप से अलग होकर अलगाववादी नेता हुर्रियत के सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुख और जेकेएलएफ के यासीन मलिक से मिलने पहुंचे थे। यह तीनों ही घाटी में पिछले 58 दिन से जारी हिंसा की अगुवाई कर रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। घाटी में शांति बहाली के प्रयासों के तहत पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में शामिल माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, जदयू के शरद यादव और राजद के जेपी नारायण पहले गिलानी के पास गए। 58 दिन से घर में नजरबंद गिलानी के घर के बाहर इनके खिलाफ नारेबाजी हुई। गिलानी ने घर का गेट तक नहीं खोला। खिड़की से ही उन्होंने सांसदों को जाने के लिए कह दिया। यह लोग जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष यासीन मलिक से भी मिलने पहुंचे। हुमारा स्थित बीएसएफ कैंप में बंद यासीन दो मिनट ही मिले। शांति के प्रयासों के बीच घाटी के अलग-अलग हिस्सों में पत्थरबाजी शुरू हो गई। झड़पों में 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा, त्राल, कुलगाम, शोपियां, अवंतिपोरा आैर सोपोर में पत्थरबाजी की करीब 10 घटनाएं हुईं। शोपियां में ज्यादा बवाल हुआ। सचिवालय भी फूंक दिया। त्राल में पीडीपी विधायक मुस्ताक अहमद के घर भी हमला हुआ। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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