Thursday, September 8, 2016

एसजीटी विवि गुडगाँव को कोटे से बाहर करने पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

गुड़गांव में मौजूद एसजीटी मेडिकल यूनिवर्सिटी को हरियाणा की प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही काउंसलिंग के प्रॉस्पेक्टस से बाहर करने के मामले में अब हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान ले लिया है। हालांकि मामले में इस मुद्दे को उठाने वाली जनहित याचिका को हालांकि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा तकनीकी मानक पूरा न करने के
कारण हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। लेकिन इस बारे में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब कर लिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दरअसल, इस संबंध में याचिका दाखिल मुलाना यूनिवर्सिटी में सर्जरी के प्रोफेसर मोहिंदर कुमार ने याचिका दायर की थी। उन्होंने एसजीटी यूनिवर्सिटी में मौजूद एमबीबीएस की 100 और बीडीएस की 100 सीटों से राज्य कोटा हटाने को चुनौती दी थी। याची ने कहा था कि हरियाणा में होने वाले मेडिकल के एडमिशन हरियाणा सरकार के प्रॉस्पेक्टस के अनुरूप हो रहे है। इस प्रॉस्पेक्टस में प्रदेश के तीन संस्थानों को तो शामिल किया गया परंतु गुड़गांव के एसजीटी यूनिवर्सिटी को बाहर कर दिया गया। आरोप है कि यूनिवर्सिटी को फायदा देने के लिए ऐसा किया गया क्योंकि राज्य सरकार के प्रॉस्पेक्टस में शामिल संस्थानों के लिए अधिकतम फीस 7 लाख रुपए निर्धारित की गई है जबकि इस यूनिवर्सिटी ने अपनी फीस 18 लाख रुपये रखी है। साथ ही यदि यह यूनिवर्सिटी हरियाणा सरकार के प्रॉस्पेक्टस में शामिल होती तो इसे हरियाणा के छात्रों का कोटा रखना पड़ता। याची का आरोप था कि यह कॉलेज फीस के रूप में 50 करोड़ की अतिरिक्त कमाई करेगा जो एक घोटाला है। हाईकोर्ट ने याची का पक्ष सुनने के बाद कहा कि रजिस्ट्री ने बताया है कि याची के खिलाफ हाईकोर्ट ने क्रिमिनल केस किया है ऐसे में उनकी इस याचिका को कैसे सुना जा सकता है।
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साभारजागरण समाचार 
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