Tuesday, September 13, 2016

एचसीएस भर्ती का फीडबैक जुटाने को सीएम ने फील्ड में उतारी निजी टीम

हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन की ओर से हाल ही की गई हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) की भर्तियों को लेकर सीएम मनोहर लाल खट्टर अब अपने स्तर पर खुद फीडबैक जुटा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि कमीशन दावा कर रहा है कि यह अब तक का सबसे फेयर सलेक्शन है। यही वजह है कि इसमें बहुत ही गरीब
घरानों के उम्मीदवार भी चुने गए हैं। वहीं कुरुक्षेत्र से भाजपा के ही सांसद इन भर्तियों में गड़बडिय़ां होने का संदेह व्यक्त कर रहे हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके पीछे उनका तर्क यह है कि 29 में से 13 एचसीएस अफसर जाति विशेष के चुने गए हैं। उनकी आशंका यह है कि पेपर सैट करने, प्रिंटिंग, मार्किंग से लेकर इंटरव्यू पैनल तक में समुदाय विशेष के लोग शामिल थे। सैनी हरियाणा में पिछले कुछ समय से जाट आरक्षण के खिलाफ मुहिम चलाए हुए हैं। 
सीएमओ के सूत्रों ने बताया कि ब्यूरो क्रेसी की कार्यशैली को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विधायकों के बाद अब तो मंत्रियों ने भी कहना शुरू कर दिया है कि अधिकारी वर्ग उन्हें सहयोग नहीं कर रहा है। दूसरी वजह यह है कि स्टेट लेवल पर सरकार में आए दिन कोई कोई बड़े फैसले हो रहे हैं। तमाम योजनाएं शुरू की जा चुकी हैं, लेकिन ग्राउंड लेवल से एक ही संदेश रहा है कि सरकार में कुछ काम नहीं हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सीएम खट्टर ने अपनी पुरानी टीम में भरोसा जताते हुए उन्हें फील्ड से वास्तविक फीडबैक जुटाने का जिम्मा सौंपा है। 
21 जिले, 21 लोग, हर महीने देंगे अपनी रिपोर्ट, 5 को बैठक: इस तरह सीएम ने टीम के प्रत्येक सदस्य को एक जिला सौंपा है। इस ग्रुप की हर माह की 5 तारीख को मीटिंग होगी। इस मीटिंग में हर बार एक नया सब्जेक्ट तय किया जाएगा, जिसके बारे में ग्राउंड रिपोर्ट जुटानी है। टीम के प्रत्येक सदस्य को फील्ड में जाकर रात्रि विश्राम करने के साथ ही विकास कार्यों का भौतिक सत्यापन करने के साथ ही सरकार और संबंधित अफसरों की कार्य शैली के बारे में फीडबैक जुटाने के साथ ही लोगों का संतुष्टि लेवल भी जांचना होगा। इसके बाद उसे 10 दिन में यानी हर महीने की 15 तारीख तक अपनी रिपोर्ट सीधे सीएम को देनी होगी। फिलहाल इस टीम को ग्राम सचिवालय, राजीव गांधी स्टेडियमों की ग्राउंड रिपोर्ट जुटाने को कहा गया है। 
टीम के सभी सदस्यों को कहा गया है कि वे एचसीएस में चयनित प्रत्येक उम्मीदवार, उसके परिजन और आस-पड़ौस वालों से जाकर बात करें। यह पता लगाया जाए कि क्या इस भर्ती के दौरान उनसे किसी ने पैसों की कोई डिमांड की। क्या इस परीक्षा में उन्हें इंटरव्यू अथवा लिखित परीक्षा के लिए कहीं किसी बड़ी सिफारिश करवानी पड़ी, अथवा किसी भी व्यक्ति उनसे एचसीएस परीक्षा में पास करवाने या नौकरी लगवाने के लिए कभी कोई संपर्क किया था। विधायक ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने भी इस भर्ती के दो-तीन अभ्यर्थियों से फीड बैक लिया है। सभी पारदर्शी और इफेक्टिव सिस्टम से संतुष्ट हैं। इसके लिए वे और उनका परिवार सरकार का आभार व्यक्त कर रहा है। इधर, चीफ सेक्रेटरी की ओर से सोमवार को एचसीएस में चयनित उम्मीदवारों का मेडिकल टेस्ट कराए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। 
यह है सीएम खट्टर की अपनी टीम: विधायक ज्ञानचंद गुप्ता, सीपीएस सीमा त्रिखा, पॉलिटिकल एडवाइजर जगदीश चौपड़ा, पॉलिटिकल सेक्रेटरी दीपक मंगला, हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन जवाहर यादव, ओएसडी ग्रिवांस भूपेश्वर दयाल, ओएसडी कैप्टन अमरिंदर, कैप्टन भूपेंद्र सिंह, एडवोकेट वेदपाल,जवाहर सैनी आदि। इनके अलावा ओएसडी नीरज दफ्तुआर, मीडिया एडवाइजर अमित आर्य और राजकुमार भारद्वाज को फिलहाल इस काम से मुक्त रखा गया है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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