Sunday, September 18, 2016

टिप्स: ऑफिस गॉसिप की जरूरत, तरीके और सीमाएं

ऑफिस की अंदरूनी राजनीति के बारे में नए साथी को बताना कितना सही है? मैनेजर अगर नाराज है तो उससे संबंध कैसे बेहतर बनाए जा सकते हैं? दफ्तर की इन समस्याओं के बारे में जानें हार्वर्डबिजनेस रिव्यू से। साथ में पढ़िए -क्या है निराशा दूर करने के उपाय। सभी चाहते हैं कि मैनेजर उनका सम्मान करे, लेकिन आधे से ज्यादा
कर्मचारी मानते हैं कि ऐसा होता नहीं है। ये कर्मचारी इन विकल्पों को आजमा सकते हैं- जैसे अपनी एनर्जी को मैनेज करना। अच्छी नींद, व्यायाम और स्ट्रेस मैनजमेंट से आपका व्यक्तित्व बदल जाएगा और आप बॉस की नजर में नकारात्मक छवि को दूर कर पाएंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दूसरा तरीका है - ऑफिस के अपने साथी बदलना। नकारात्मक विचारों वालों के स्थान पर हंसते-मुस्कुराते रहने वाले और जोश से काम करने वाले लोगों के साथ रहना असरदार उपाय है। काम और निजी जिंदगी को बराबर महत्व देना भी अहम उपाय है। कभी-कभी जब व्यक्ति निजी जिंदगी में खुश और संतुष्ट होता है तो वो काम को महत्व देना कम करने लगता है। उसे लगता है कि बॉस क्या सोच रहे हंै इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन इस तरह वो अपने आप को सीमित कर लेता है। 
(स्रोत:हाऊटू सक्सीड एट वर्क व्हेन योर बॉस डजन्ट रिस्पेक्ट यू। क्रिस्टीन पॉर्थ।) 
जब ऑफिस में कोई नया कर्मचारी आता है तो उसकी कोशिश होती है कि वह सभी गतिविधियों में शामिल हो। पुराने लोग भी चाहते हैं कि वो सहज अनुभव करे। लेकिन ऑफिस पॉलिटिक्स की हर बात नए कर्मचारी से साझा करना हमेशा अच्छा नहीं होता। ऐसा करने से पुराने कर्मचारी किसी खास व्यक्ति के विरोधी या किसी खास के पक्ष में नजर सकते हैं। यह तो जरूरी है कि नया कर्मचारी दफ्तर में अच्छा अनुभव करे, लेकिन इसके पीछे पुराने कर्मचारियों का क्या उद्देश्य है। वो नए की मदद करना चाहते हैं या उसे अपने पक्ष में। अगर उद्देश्य अच्छा है तो भी ऑफिस की जानकारी काफी सतर्कता से दी जानी चाहिए। क्योंकि पुराने कर्मचारी यह भी तो नहीं जानते कि नया इन जानकारियों को अन्य लोगों को किस रूप में बताएगा। संभव है कि वो पुराने कर्मचारी की दी गई जानकारी को एक्सपोज कर दे और छवि खराब हो जाए। 
(स्रोत:हाऊ टू टॉक अबाउट ऑफिस पॉलिटिक्स विद न्यू कलीग। कारेन डिलोन) 
कभी-कभी ऐसा होता है कि आप थक जाते हैं या काम में कुछ ऐसा हो जाता है कि डिप्रेशन घेरने लगता है। इस स्थिति से उबरने का पहला तरीका है यह जानना कि इसका कारण क्या है। सबसे पहले यह पता करना चाहिए कि बीते हफ्ते में आपने अपना समय कैसे बिताया है। समय को कुछ खंडों में बांटकर यह देखना चाहिए कि इस दौरान आपने क्या किया है। किसके साथ थे? क्या कर रहे थे? और क्या अनुभव कर रहे थे? अपनी इस फीलिंग को 1 से 10 तक अंक दिए जा सकते हैं। 10 मतलब सबसे जॉयफुल समय और 1 मतलब सबसे बुरा समय। इससे आपको पता चल जाएगा कि किस समय या किस व्यक्ति के साथ ने आपकी एनर्जी के स्तर को गिरा दिया। अब आप उस समय या व्यक्ति के साथ से भविष्य में बच सकते हैं। उद्देश्य यही है कि आप इस तरह की स्थिति से उबर सकें। 
(स्रोत:स्टेप्स टू टेक व्हेन यू आर स्टार्टिंग टू फील बर्नड् आउट। मोनिक्यू वलकोर) 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.