Saturday, September 10, 2016

अगले साल से डिग्री डिप्लोमा सुरक्षित रहेंगे 'ऑनलाइन संदूक' में; फर्जीवाड़ा भी रुकेगा

नकली या फर्जी शैक्षणिक सर्टिफिकेट के मामले जल्द ही पूरी तरह समाप्त हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षणिक डिपॉजिटरी (एनएडी) सेवा अगले साल से ही शुरू करने की तैयारी कर ली है। योजना लागू होने के बाद संबंधित शिक्षण संस्थान छात्रों के सर्टिफिकेट डिपॉजिटरी में सुरक्षित कर देंगे। जहां से छात्र तो इन्हें हासिल कर
ही सकेंगे, नियोक्ता और दूसरे शिक्षण संस्थान भी यहीं से सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता की जांच कर सकेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय एकेडमिक डिपॉजिटरी के सम्मेलन में सभी संबंधित संस्थानों और अधिकारियों से कहा कि वर्ष 2017 में इसे लागू करने के लिए वे पूरी तरह कमर कस लें। उन्होंने कहा, देश में लंबे समय से सेक्यूरिटी डिपॉजिटरी निवेशकों के वित्तीय लेन-देन को पूरी तरह सुरक्षित तरीके से संचालित कर रहे हैं। अब शैक्षणिक सर्टिफिकेट को भी डिजिटल डिपॉजिटरी में रखने की व्यवस्था शुरू करने का अनुकूल समय आ गया है। पहले चरण में आइआइएम, आइआइटी जैसे केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों से लेकर केंद्रीय विश्वविद्यालय और सीबीएसई सहित सभी केंद्रीय बोर्ड इसमें शामिल होंगे। दूसरे चरण में राज्यों को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
डिग्री खोने का नहीं रहेगा डर: योजना लागू होने के बाद छात्रों को ना तो अपनी डिग्री, डिप्लोमा आदि के लिए लंबा इंतजार करना होगा और ना ही उसके खोने का डर रहेगा। एक बार इसमें शामिल किए गए कागजात हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाएंगे। 
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साभारजागरण समाचार 
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