Tuesday, September 20, 2016

पाकिस्तान को 'आतंकी देश' घोषित करवाने की तैयारी: अमेरिका सहित अनेक देश दे सकते हैं साथ

आतंक को कूटनीतिक हथियार की तरह उपयोग करना पाकिस्तान को अब मंहगा सौदा साबित हो सकता है। आतंकी संगठनों को संरक्षण और आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के पुख्ता सुबूतों के साथ भारत उसे आतंकी देश घोषित करने की मांग जोर-शोर से उठाएगा। हालांकि, आतंकी देश घोषित कराना बहुत
आसान नहीं होता है। लेकिन भारत को उम्मीद है कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों से परेशान अमेरिका समेत कई देशों का समर्थन उसे मिल जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दरअसल, रविवार को उड़ी हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पहली बार सीधे तौर पर पाकिस्तान को आतंकी देश बताया था। राजनाथ का यह बयान एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। सोमवार को दिनभर चली बैठकों में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने, उसे आतंकी देश घोषित कराने और आर्थिक प्रतिबंध पर समर्थन जुटाने का फैसला किया गया। आज की तारीख में आतंकवाद के खिलाफ बने माहौल को देखते हुए यह असंभव नहीं दिख रहा है। अगर पाकिस्तान आतंकी देश घोषित होता है, तो संयुक्त राष्ट्र के हर सदस्य देश से उसके आर्थिक, व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्ते खत्म हो जाएंगे।पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने और आर्थिक प्रतिबंध लागू कराने में सबसे अहम अमेरिका को तैयार करना है। यह मुश्किल काम नहीं है। बड़ी संख्या में अमेरिकी सीनेटर पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रश्रय देने वाला देश मानते हुए प्रतिबंध की वकालत कर रहे हैं। इसी जुलाई में सीनेट की बैठक के दौरान कई सीनेटरों और विशेषज्ञों ने हक्कानी नेटवर्क, लश्कर और जैश के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही हर तरह से प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया। अफगानिस्तान, इराक और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत रह चुके जालमे खालिजाद ने तो यहां तक कह दिया कि आर्थिक प्रतिबंध के बिना पाकिस्तान के सुधरने की उम्मीद बेमानी है। इस महीने सीनेट की दूसरी सुनवाई में भी सीनेटरों ने पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध की जरूरत बताई। जाहिर है अमेरिका में पाकिस्तान के खिलाफ बने माहौल का फायदा भारत को मिल सकता है। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान को अपने अंजाम की भनक नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके मुनीर अकरम का रविवार को वहां के एक प्रसिद्ध अखबार में लेख छपा है। इसमें अकरम ने पाकिस्तान को अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रति आगाह किया है। अकरम के अनुसार संयुक्त राष्ट्र के दबाव में पाकिस्तान पहले ही लश्कर, जैश और हक्कानी नेटवर्क को आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। अब जल्द ही पाकिस्तान को इन आतंकी संगठनों को जड़ से उखाड़ फेकने के लिए कहा जाएगा। यदि पाकिस्तान ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ आर्थिक व अन्य प्रतिबंध लगना तय है।एक के बाद एक भारतीय सैन्य ठिकाने आतंकियों का निशाना बन रहे हैं। तमाम सुरक्षा इंतजामात के बावजूद आतंकी बेधड़क ऐसी साजिशों को अंजाम दे रहे हैं। उड़ी हमला इसका ताजा उदाहरण हैं। विशेषज्ञों की मानें तो यह हमला सुरक्षा में बड़ी चूक का नतीजा है। वहीं इससे कई सवाल भी उठ रहे हैं।
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साभारजागरण समाचार 
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