Sunday, September 18, 2016

वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील मामले में भूमिका पर हटाए जा सकते हैं मुख्य सचिव ढेसी: केशनी आनंद बन सकती हैं नई सीएस

वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील मामले की जांच करने वाले रिटायर्ड जस्टिस एसएन ढींगरा की रिपोर्ट पर सरकार कार्रवाई करने की तैयारी में है। पहला एक्शन चीफ सेक्रेटरी डीएस ढेसी पर हो सकता है। उन्हें किसी भी समय पद से हटाया जा सकता है। गुड़गांव में कांग्रेस की हुड्‌डा सरकार के दौरान हुए भूमि सौदों की जांच करने वाले
ढींगरा आयोग की रिपोर्ट में चीफ सेक्रेटरी (सीएस) डीएस ढेसी, ट्रांसपोर्ट विभाग में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (एसीएस) एसएस ढिल्लो और प्रिंसिपल सेक्रेटरी (पीएस) टीसी गुप्ता की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 1986 बैच के आईएएस अधिकारी ढेसी उस वक्त टाउन एंड कंट्री डिपार्टमेंट में थे। बीजेपी सरकार में उन्हें चीफ सेक्रेटरी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। आयोग ने 31 अगस्त को सौंपी अपनी रिपोर्ट में इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। 
सरकार ने रिपोर्ट की स्टडी के लिए तीन सदस्य कमेटी बनाई हुई है। इसमें सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन शामिल हैं। कमेटी रिपोर्ट के कानूनी पहलुओं पर विचार भी कर रही है। साथ ही यह रिपोर्ट का अध्ययन कर पता लगा रही है कि इसमें अनियमितताओं का ग्राउंड क्या है, किस अधिकारी कि कितनी भूमिका है। इसके बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट सीएम को देगी। 
सरकार ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से पहले हर कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रही है। क्योंकि विधानसभा में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करना जरूरी होता है। इसलिए सरकार अगले सत्र में रिपोर्ट विधानसभा में पेश करेगी। 
ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही नहीं, बल्कि मौजूदा सीएम मनोहर लाल भी सकते में हैं। वह जल्द चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू) लाइसेंस देने वाली प्रक्रिया से खुद को अलग कर सकते हैं। सरकार ने निर्णय लिया कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट को सख्ती से लागू किया जाए। अभी इस प्रकिया में फाइलें प्रशासनिक सचिव के माध्यम से सीएम तक जाती है, लेकिन अब सरकार इसमें फेरबदल करेगी। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की कार्यप्रणाली में हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी। सीएलयू और कमर्शियल, आवासीय अन्य प्रकार के सभी लाइसेंस के अधिकार विभाग के निदेशक को देने पर विचार चल रहा है। 
सीएमओ में भी तबादले संभव: मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के कुछ अधिकारियों के भी तबादले किए जा सकते हैं। इसके पीछे वजह यह मानी जा रही है कि पिछली सरकार के घोटालों से जुड़ी कुछ फाइलें समय पर सीबीआई तक नहीं भेजी गई। मंत्री इन अधिकारियों की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। रिपोर्ट का अध्ययन कर रही कमेटी ने पाया कि आयोग ने कई अधिकारियों की भूमिका पर सख्त एतराज जताया है। ऐसे में रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से पहले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इस क्रम में सबसे पहले चीफ सेक्रेटरी डीएस ढेसी को पद से हटाकर केंद्र में भेजा सकता है। उनकी जगह 1983 बैच की आईएएस अधिकारी केशनी आनंद अरोड़ा को सीएस बनाया जा सकता है। शुक्रवार को दिनभर सचिवालय में भी यह चर्चा रही। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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