Sunday, September 11, 2016

482 डॉक्टरों के ऑनलाइन हुए तबादलों के विरोध के चलते रिलीव करने पर लगी रोक

स्वास्थ्य विभाग में शुक्रवार को पहली बार किए 482 ऑनलाइन तबादलों में कुछ गड़बड़ी सामने आने के बाद अब सरकार ने सभी जिलों में डॉक्टरों को रिलीव करने पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। इनमें 42 सीनियर मेडिकल ऑफिसर और 440 मेडिकल ऑफिसर शामिल हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की ओर से
सभी सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि आगामी आदेश तक किसी भी डॉक्टर को रिलीव किया जाए। इस बीच सभी ट्रांसफर आदेशों को मैन्युअली चेक करने को कहा गया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की सहूलियत के लिए ही सॉफ्टवेयर से तबादले किए गए हैं, ताकि उन्हें मंत्रियों और विधायकों के यहां चक्कर लगाने पड़ें। सेक्रेटेरिएट से लेकर डायरेक्टोरेट तक बाबुओं की मिन्नतें करनी पड़ें। डाटा फीडिंग का काम क्लर्कों ने ही किया है, इसलिए इसमें कुछ त्रुटियां हो सकती हैं, लेकिन इन्हें जल्दी ही दूर कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि सोमवार, मंगलवार तक सारी गड़बडिय़ों की जांच हो जाएगी। इसके बाद डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की रिलीविंग का काम शुरू होगा। 
उल्लेखनीय है कि हरियाणा मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचएमसीएस) के विरोध के बावजूद किए गए इन तबादलों को लेकर शुक्रवार से ही खलबली मची हुई है। एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार ने डॉक्टरों का डाटा अपडेट किए बिना ही गलत ढंग से ट्रांसफर किए हैं। इससे हालात यह बन गए हैं कि सोनीपत और नारनौल में तो एक भी डॉक्टर नहीं रहा। जबकि पंचकूला में 40 डॉक्टर बदल गए हैं। कपल केस का भी ध्यान नहीं रखा गया है। इसी तरह जो डॉक्टर बहुत पहले ही वीआरएस लेकर जा चुके हैं, उनके भी तबादले कर दिए गए हैं। 

डॉक्टरों की कमी दूर करना बड़ी चुनौती: एचसीएमएसके उप प्रधान डॉ. शील कांत पजनी ने बताया कि प्रदेश में छह हजार डॉक्टरों की जरूरत है, जबकि हैं सिर्फ दो हजार। इनमें से भी 400 डॉक्टर प्रशासनिक पदों या अवकाश पर हैं। ऐसे में महज 1600 डॉक्टर प्रदेश की आबादी को स्वास्थ्य लाभ दे रहे हैं। सरकार डॉक्टरों को अच्छा वेतन, भत्ते, सुविधाएं काम का माहौल दें, ताकि वे सरकारी अस्पतालों में टिक सकें। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के अस्पतालों में कार्यरत कई डॉक्टर रिटायरमेंट से पहले ही निजी अस्पतालों में ज्यादा वेतन बेहतर सुविधाओं का ऑफर मिलते ही नौकरी से इस्तीफा दे रहे हैं। अब तक ऐसे काफी मामले सामने चुके हैं। जबकि नई भर्ती को लेकर सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। सरकार डॉक्टरों की भर्ती करने के बजाय इस तरह तबादलों से काम चलाने का प्रयास कर रही है। 
आज बनेगी करनाल में रणनीति, टिकीं निगाहें: हरियाणा मेडिकल सर्विस एसोसिएशन आज करनाल में बैठक करने जा रही है। इसमें हालात पर चर्चा कर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। सरकार के पीछे हटने से एसोसिएशन के पदाधिकारी उत्साहित हैं। अब कोशिश है कि दबाव डालकर अपनी मांगों को पूरा कराया जा जाए सके। एसोसिएशन के सीनियर पदाधिकारी ने बताया कि हमारी मांगें जायज हैं। यह बात स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी स्वीकार कर चुके हैं। इसके बाद मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने समेत उनकी मांग है कि तबादले साफ्टवेयर से नहीं होने चाहिए, क्योंकि इससे खासी दिक्कत पैदा हो जाएगी। अभी तक तो डाक्टरों का डाटा भी तैयार नहीं है। दूसरी ओर हेल्थ विभाग के सीनियर अधिकारियों की नजर भी अब इस मीटिंग पर टिकी हैं। 
एक सवाल के जवाब में विज ने कहा कि आपत्तियां मांगने के लिए टाइम देने का एसोसिएशन का आरोप गलत है। डाटा फीडिंग के बाद सभी को आपत्तियों के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। इस दौरान करीब 40 आपत्तियां आईं और उनका निराकरण भी हुआ। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम का वही लोग विरोध कर रहे हैं, जो कई सालों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं। जहां तक डॉक्टरों की कमी की बात है तो उसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विज ने कहा डॉक्टरों की जायज ांगों पर विचार किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने डॉक्टरों के रिक्त पदों पर जल्द भर्ती करने की बात भी कही। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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