Friday, September 23, 2016

भारत न्यूजीलैंड पहला टेस्ट: अच्छी शुरुआत के बावजूद भारत ने पहले दिन 291 पर नौ विकेट खोए

जिस प्रभुत्व के साथ भारतीय कप्तान विराट कोहली 13 टेस्ट मैचों के लंबे घरेलू सत्र की शुरुआत करना चाहते थे उनकी टीम गुरुवार को वह नहीं कर सकी। टॉस जीतने के बाद ग्रीन पार्क स्टेडियम की मन मुताबिक पिच पर पहले बल्लेबाजी करने के बावजूद भारतीय टीम अपने 500वें मैच के पहले ही दिन 291 रनों पर नौ विकेट गंवा
बैठी। 48.3 ओवर में 154 रनों पर सिर्फ एक विकेट गंवाने वाली टीम बड़ी मुश्किल से पहले दिन ही ऑलआउट होने से बची। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जब एक समय लग रहा था कि टीम पहली पारी में 400 के आंकड़े को पार करेगी तो दिन का खेल खत्म होते-होते उसका 300 पर पहुंचना मुश्किल हो गया। वहीं, मेहमान टीम ने विपरीत दशा में भी शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए विराट और कोच अनिल कुंबले को बताया कि उन्हें हल्के में आंकने की कोशिश कतई न करें। ग्रीन पार्क की स्लो टर्नर पिच पर इन दोनों ने सिर्फ रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के रूप में सिर्फ दो स्पिनरों को टीम में लेकर भी खतरा मोल लिया है। खास बात ये है कि मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय बल्लेबाज और कीवी स्पिनर मिशेल सेंटनर दोनों ही ये कहते नजर आए कि उनकी टीम अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि ये तो मैच के बाद ही पता चलेगा कि इन दोनों में सच कौन बोल रहा था। 
पहला सत्र भारत के नाम: टॉस जीतकर भारत ने गंगा किनारे स्थित स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। पिच ने वैसा ही रुख दिखाया जैसा क्यूरेटर ने कहा था। भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल (32) ने ट्रेंट बोल्ट के पहले ही ओवर में दो चौके जड़कर आक्रामक योजना का मुजाहिरा भी पेश किया। दूसरी तरफ से (65) आराम-आराम से खेल रहे थे। पिच को भांपते हुए मेहमान टीम के कप्तान केन विलियमसन ने नौवें ओवर में ही बायें हाथ के स्पिनर सेंटनर को लगा दिया। सेंटनर के दूसरे और मैच के 11वें ओवर में राहुल ने मेहमान टीम के स्पिनर पर दबाव बनाने के लिए शानदार छक्का मारा। हालांकि इसके दो गेंद बाद ही विकेटकीपर वाटलिंग ने भारतीय ओपनर का शानदार कैच लेकर उन्हें चलता किया। 42 रन पर पहला विकेट गंवाने वाली भारतीय टीम ने इसके बाद भी सधी बल्लेबाजी करना जारी रखा। राहुल के आउट होने के बाद चेतेश्वर पुजारा (62) ने विजय के साथ मिलकर दिलकश शॉट लगाना शुरू किया। डिंक ब्रेक से पहले ही विलियमसन ने दोनों छोर पर स्पिनर लगा दिए थे। कुल मिलाकर पहला सत्र भारत के पक्ष में गया और टीम इंडिया ने 31 ओवर में 105 रन पर सिर्फ एक विकेट गंवाया। विजय ने 40वें ओवर में अपना 13वां अर्धशतक पूरा किया। 119 गेंदों पर बने इस पचासे में उन्होंने छह चौके लगाए। इसके अगले ही ओवर में पुजारा ने अपेक्षाकृत तेजी से अपना आठवां अर्धशतक पूरा किया। 
कोहली ने किया निराश: जब लग रहा था कि भारत आसानी से बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा है तभी पुजारा को सेंटनर ने अपनी ही गेंद पर लपक लिया। पुजारा अधिकतर गेंदों को सीधे खेलने का प्रयास कर रहे थे और यही प्रयास उन्हें ले डूबा, क्योंकि इस गेंद पर उनका बल्ला और पैर जाम नजर आए। इसी के साथ दूसरे विकेट के लिए हुई 112 रनों की साङोदारी का अंत हो गया। हालांकि दर्शकों को पुजारा के आउट होने का कोई दुख नहीं था, क्योंकि उन्हें पता था कि उनके स्टार कोहली (09) मैदान में आने वाले हैं। कोहली का स्वागत भी यहां के दर्शकों ने शानदार तरीके से किया और उन्होंने भी पांचवीं गेंद पर ही चौका जड़कर उनका अभिवादन किया। हालांकि इसके बाद न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज वेगनर ने दिन का सबसे बड़ा विकेट लिया। वेगनर की शॉर्ट गेंद को विराट परख नहीं पाए और जल्दी रन बनाने के चक्कर में हवा में शॉट लगा बैठे। गेंद कुछ ऊंची आई और ईश सोढ़ी ने इस कैच को लपकने में कोई गलती नहीं की। पहले सत्र में बुरी तरह पिछड़ने वाली मेहमान टीम ने इस सत्र में 13 रनों के अंदर दो महत्वपूर्ण विकेट चटकाकर भारत का खेल खराब कर दिया। विलियमसन ने इसीलिए लेग गली पर फील्डर लगाया था, क्योंकि वेगनर शॉर्ट गेंद पर फोकस रखना चाहते थे। जब लग रहा था कि विजय पूरी तरह सेट हो गए हैं तो सोढ़ी ने उन्हें विकेटकीपर वाटलिंग के हाथों कैच कराया। बल्लेबाजी के अनुकूल कहे जाने वाले दूसरे सत्र में न्यूजीलैंड ने 28 ओवर में सिर्फ 80 रन देकर तीन विकेट लेकर इसे अपने अनुकूल बना लिया।
आखिरी सत्र में गिरे पांच विकेट: दिन के तीसरे सत्र से गेंद टर्न लेने लगी और इस कारण अपीलों की संख्या बढ़ गई। लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद इस सीरीज के लिए टीम में चयन होने के कारण आलोचकों का शिकार हुए रोहित शर्मा (35) ने छठे नंबर पर उतरकर दो चौके और एक छक्का लगाया। हालांकि दूसरे छोर से अजिंक्य रहाणो (18) शॉर्ट लेग पर कैच देकर चलते बने। क्रेग की इस गेंद ने टर्न लिया और इसका शिकार रहाणो हुए। इसके बाद तो क्रेग ने कई बार शर्मा और रविचंद्रन अश्विन (40) के खिलाफ अपील की, लेकिन दोनों डटे रहे। वेस्टइंडीज में दो शतक लगाने वाले अश्विन ग्रीन पार्क में भी एक सधे हुए बल्लेबाज की तरह खेलते नजर आए। 78वां ओवर फेंकने आए क्रेग की आखिरी गेंद पर उनका लेट कट तो देखने लायक था। जब लगा कि अश्विन और शर्मा टीम को दूर तक ले जाएंगे तभी चयनकर्ताओं के राजकुमार रोहित घटिया शॉट खेलकर आउट हो गए। खास बात ये है कि मैच की दूसरी नई गेंद से गेंदबाजी करने आए सेंटनर के ओवर में लांग ऑन पर चिप करने के चक्कर में रोहित, सोढ़ी को कैच देकर चलते बने। इसी के साथ उन्होंने एक बार फिर अपने आलोचकों को सही साबित किया। उन्होंने पिछले साल अगस्त में आखिरी बार श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में अर्धशतक लगाया था। विलियमसन ने 81वें ओवर में नई गेंद ली थी और अगले दस ओवर में उसके तेज गेंदबाज बोल्ट ने उसका फायदा उठाया और तीन विकेट चटकाए। उन्होंने ऋद्धिमान साहा (00) को बोल्ड किया। इसके बाद बोल्ट ने अश्विन (40) को फंसाया। बोल्ट को निचले क्रम के बल्लेबाज मुहम्मद शमी (00) को बोल्ड करने में कोई दिक्कत नहीं हुई। हालांकि आखिर में ऐसा लग रहा था कि टीम पहले दिन ही ऑलआउट हो जाएगी, लेकिन रवींद्र जडेजा (11) और उमेश यादव (08) ने आखिरी विकेट गिरने नहीं दिया। न्यूजीलैंड के स्पिनर सेंटनर और पेसर बोल्ट ने तीन-तीन विकेट लेकर साबित किया कि वे वाकई में काबिल हैं।
भारतीय टीम का संयोजन बेहतरीन है। इसमें कई ऐसे युवा लड़के हैं जो अगले आठ-दस साल तक खेलते हुए विश्व क्रिकेट में भारत का प्रभुत्व बरकरार रख सकते हैं। गेंद और बल्ले के बीच बेहतर संतुलन से टेस्ट क्रिकेट का भविष्य बेहतर रहेगा। कभी-कभी ये बल्लेबाजों के पक्ष में रहता है जो ठीक नहीं होता। जहां तक भारत के 500 टेस्ट मैचों में मेरे 200 टेस्ट खेलने का सवाल है तो ये शानदार है कि मैं आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ बेहतर छोड़कर गया हूं।-सचिन तेंदुलकर
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साभारजागरण समाचार 
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