Saturday, September 24, 2016

जीएसटी: 20 लाख से कम बिजनेस वाले उद्यमियों को नहीं देना पड़ेगा टैक्स

अगर आप सालाना 20 लाख रु. तक का बिजनेस करते हैं तो आप जीएसटी के दायरे से बाहर होंगे। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह तय हुआ। अगली बैठक 30 सितंबर को होगी, जिसमें छूट देने वाले नियम का ड्राफ्ट तय होगा। जीएसटी रेट और टैक्स स्लैब पर फैसला तीसरी बैठक में होगा। यह तीन दिवसीय बैठक 17
अक्टूबर से होगी। सरकार ने 1 अप्रैल 2017 से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। काउंसिल के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उत्तर-पूर्वी और पर्वतीय राज्यों में जीएसटी से छूट की सीमा 10 लाख रु. होगी। अभी ज्यादातर राज्यों में वैट से छूट की सीमा 10 लाख, उत्तर प्रदेश में 5 लाख और उत्तर-पूर्व में एक लाख रु. है। छूट इसलिए है क्योंकि छोटे कारोबारियों से टैक्स वसूली का खर्च टैक्स से ज्यादा होता है। सभी सेस जीएसटी में समाहित होंगे। सिर्फ 5% मामलों की ऑडिटिंग होगी। जेटली ने दावा किया कि सभी फैसले आम सहमति से हुए। उपाध्यक्ष की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि यह बाद में तय किया जाएगा। 
राज्यों की सीमा पर चेक प्वाइंट हटाने का सुझाव: वाणिज्य मंत्रालय ने जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों की सीमा पर चेक प्वाइंट बंद करने का सुझाव दिया है। इससे सामान की ढुलाई में कम समय लगेगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि असम में चेक प्वाइंट पर एक ट्रक को औसतन 258 मिनट लगते हैं। कुछ राज्यों में यह 60 मिनट है। देश में ऐसे करीब 600 चेक प्वाइंट हैं। एक अध्ययन के मुताबिक ट्रकों का 60% समय यात्रा में और 40% चेक प्वाइंट या दूसरे अप्रूवल में जाता है। 
1.5 करोड़रु. से ज्यादा टर्नओवर वालों के साथ केंद्र या राज्य में से कोई एक पूछताछ करेगा, दोनों नहीं। इसके नियम बनेंगे। जीएसटी से राज्यों की कमाई घटी तो केंद्र उसकी भरपाई करेगा। कमाई घटी या नहीं, इसका आकलन 2015-16 के आधार पर होगा। क्षतिपूर्ति हर तिमाही या हर दो महीने में की जा सकती है। राजस्व आकलन के लिए फिलहाल नीचे दिए गए तीन सुझाव आए हैं। इस पर 30 सितंबर की बैठक में फैसला हो सकता है। 
  1. बेसईयर और राज्य की ग्रोथ रेट तय हो। उस आधार पर देखा जाए कि राज्य की कमाई घटी या नहीं। 
  2. पांचसाल में ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले दो साल हटाकर बाकी तीन साल का औसत निकाला जाए। 
  3. पिछलेपांच साल में सबसे ज्यादा राजस्व वाले तीन साल लिए जाएं और उसका औसत निकाला जाए। 

छूट वाली चीजें कम हुईं: 90 वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। अभी टैक्स के दायरे से करीब 300 वस्तुएं एवं सेवाएं बाहर हैं। 11 लाखमौजूदा सर्विस टैक्स असेसी केंद्र के पास ही रहेंगे। नए असेसी केंद्र और राज्य के बीच बंटेंगे। 1.5 करोड़रु. तक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारी राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आएंगे। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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