Tuesday, September 13, 2016

14 लाख बच्चों को अभी तक नसीब नहीं वर्दी और वजीफा

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 14 लाख बच्चों को अभी तक न तो वर्दी की राशि मिल पाई है और न ही छात्रवृत्ति के पैसे मिले हैं। स्कूल बैग और स्टेशनरी की राशि भी अभी रुकी हुई है। स्कूली बच्चों के दाखिलों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया के कारण उनकी राशि अटक गई है। प्रदेश में वर्ष 2011 से मुफ्त
एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम लागू है। राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के लगभग 14 लाख बच्चे पढ़ते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वर्ष 2016-17 का शिक्षा सत्र आधा बीतने वाला है, मगर बच्चों को आवंटित की जाने वाली राशि का वितरण नहीं हो पाया है। कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को स्कूल वर्दी के लिए 400 रुपये के स्थान पर 800 रुपये और कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को 600 रुपये के स्थान पर 1200 रुपये दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों इस बढ़ोतरी का एलान किया था। प्रत्येक बच्चे को स्कूल बैग के लिए 120 रुपये और स्टेशनरी के लिए 100 रुपय दिए जाने का प्रावधान है। बच्चों को मिलने वाली राशि में देर होने का कारण जानने के लिए हर रोज स्कूलों में अभिभावकों की भीड़ बढ़ रही है। स्कूल मुखियाओं और शिक्षकों से हर रोज अभिभावकों की भिड़ंत हो रही। अभिभावकों को शक है कि यह राशि मौलिक शिक्षा निदेशालय से भेजी जा चुकी है, लेकिन स्कूल बच्चों को नहीं दे रहे हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय के अफसरों का कहना है कि गड़बड़ी तथा फर्जी एनरोलमेंट रोकने के लिए राशि सीधे बच्चों के खातों में आएगी। बच्चों को खातों और दाखिलों को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है। ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो सके। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद ठाकरान और महासचिव दीपक गोस्वामी के अनुसार कहा कि सत्र बीतने के बाद बच्चों को राशि देने का कोई औचित्य नहीं है। मौलिक शिक्षा निदेशालय को पूरे मामले में स्थिति साफ करनी चाहिए। शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का कहना है कि जल्दी ही तमाम औपचारिकताएं पूरी कर बच्चों को राशि का आवंटन कर दिया जाएगा।
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साभारजागरण समाचार 
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