Monday, August 29, 2016

ओबीसी क्रीमीलेयर में ढील दे सकती है सरकार

सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के क्रीमीलेयर नियम में ढील दी जा सकती है। नौकरियों में ओबीसी के लिए निर्धारित पद न भरने के कारण सरकार यह कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार आरक्षण का लाभ लेने के लिए क्रीमीलेयर के तहत अधिकतम आय सीमा को छह लाख रुपये से बढ़ाकर
आठ लाख रुपये कर सकती है। सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 27 फीसद सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित होती हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस आरक्षण का लाख वही ले सकते हैं, जिनके परिवार की वार्षिक आय छह लाख रुपये से कम है। इससे अधिक आय वाले परिवारों को क्रीमीलेयर में रखा गया है। इस आय सीमा को बढ़ाने से ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर योग्य उम्मीदवारों की संख्या बढ़ जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सामाजिक न्याय मंत्रलय क्रीमीलेयर की आय सीमा आठ लाख रुपये करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इस संबंध में कैबिनेट नोट जल्द जारी किया जा सकता है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के सदस्य अशोक सैनी के अनुसार आयोग ने आय सीमा दोगुने से अधिक बढ़ाकर 15 लाख रुपये सालाना करने की सिफारिश की थी। सैनी ने कहा, ‘आरक्षण दिए जाने के दो दशक बाद भी देखा गया है कि निर्धारित 27 फीसद में से 12 से 15 फीसद जगहें ही भर पाती हैं। हमारे विश्लेषण के अनुसार इसके पीछे मुख्य वजह वार्षिक आय की उच्चतम सीमा का निर्धारण है।’ मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 1980 में भारत में 52 फीसद आबादी ओबीसी की थी। आयोग की यह रिपोर्ट हालांकि 1932 की जनगणना पर आधारित थी। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ने 2006 में ओबीसी की जनसंख्या 41 फीसद बताई थी।
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साभारजागरण समाचार 

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