Friday, August 19, 2016

रोहतक और मुरथल के दो विश्वविद्यालयों के कुलपति हटाए

हरियाणा सरकार ने पिछली हुड्डा सरकार के समय में लगे दो तकनीकी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को उनके पदों से हटा दिया है। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफार्मिग एंड विजुअल आर्ट्स रोहतक के उप कुलपति अश्विनी सब्बरवाल और दीन बंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मुरथल (सोनीपत) के उप
कुलपति प्रो. राजपाल दहिया ने बुधवार देर रात अपने पदों से इस्तीफे दे दिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार अब इन दोनों पदों पर अपनी पसंद के उप कुलपति (वीसी) लगाएगी। इसके लिए अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। दोनों कुलपतियों ने चंडीगढ़ में बुधवार को हुई कुलपतियों और कुलसचिवों की राज्य स्तरीय कांफ्रेंस के बाद अपने पदों से त्यागपत्र दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों को अपने-अपने पदों से इस्तीफे देने का इशारा सरकार की ओर से हुआ था। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफार्मिग एंड विजुअल आर्ट्स रोहतक के कुलपति अश्विनी सब्बरवाल के विरुद्ध पिछले कई दिनों से आंदोलन चल रहा था। यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों का आरोप है कि वहां सुविधाएं नहीं हैं और सेमेस्टर की एडवांस फीस ली जा रही है। इसके अलावा तीन साल की डिग्री पांच साल में भी नहीं दी जाती। इस मांग को लेकर विद्यार्थी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने जल्दी ही कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। दीन बंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मुरथल (सोनीपत) के कुलपति प्रो. राजपाल दहिया से वहां का स्टाफ खुश नहीं था। वहीं, उनके खिलाफ विजिलेंस जांच भी शुरू हो चुकी है। पिछले दिनों शिक्षक प्रमोशन नहीं करने और कर्मचारियों को आपस में बात तक नहीं करने देने के आरोप लगाते हुए वीसी के विरुद्ध हड़ताल तक कर चुके हैं। प्रदेश सरकार को उनके कार्यकाल में अनियमितताओं की शिकायतें भी मिल रही थी, जिसे राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश सरकार ने दोनों विश्वविद्यालयों में छात्रों और स्टाफ की शिकायतों को आधार बनाते हुए उप कुलपतियों से इस्तीफा मांग लिया था। इससे पहले राज्य सरकार खुद चाह रही थी कि हुड्डा के समय लगे इन वीसी को हटाकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा के नए उप कुलपतियों को ज्वाइन कराया जाए। सूत्रों का कहना है कि दोनों उप कुलपति बुधवार को चंडीगढ़ में हुई कुलपतियों और कुलसचिवों की कांफ्रेंस में भागीदारी करने आए थे। मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने जब कुलपतियों से संवाद किया और बाद में दोनों से इस्तीफे मांग लिए गए। उच्चतर शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अफसरों की दोनों कुलपतियों से इस्तीफे लेने की ड्यूटी लगाई गई। सरकार का संदेश मिलने के बाद दोनों कुलपतियों ने अपने पदों से इस्तीफे देने में देर नहीं लगाई और राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी को इस्तीफे भेज दिए हैं।
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साभारजागरण समाचार 
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